हैदराबाद: उपभोक्ता आयोग-3 ने पनीर बर्गर का ऑर्डर देने पर घर पर चिकन बर्गर भेजकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में जोमैटो को दोषी पाया है. उपभोक्ता आयोग ने जोमैटो को 5 हजार रुपये के अलावा मुकदमे के खर्च के रूप में 1,000 रुपये और अन्य खर्च 202.50 रुपये पीड़ित को वापस करने का आदेश दिया है.
अंबरपेट के दीपक कुमार सांगवान ने कोटापेट के कॉर्नर बेकर्स में जोमैटो पर पनीर बर्गर और कोक का ऑर्डर दिया. डिलीवरी ब्वॉय के चिकन बर्गर लाने पर उपभोक्ता भड़क गया. प्रतिवादी कंपनी ने कहा कि वह 500 रुपये का भुगतान करेगी. असंतुष्ट होकर वादी ने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया. आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया.
इससे पहले एक अन्य मामले में तेलंगाना के वारंगल जिले में डॉक्टर की लापरवाही से एक बच्ची की हाथ की हथेली काटनी पड़ी. उसके माता-पिता को करीब 19 साल की कानूनी लड़ाई के बाद न्याय मिला. राज्य उपभोक्ता आयोग ने हाल ही में फैसला सुनाया. पीड़िता को करीब 16 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश गिया गया. इसके साथ ही डॉक्टर और बीमा कंपनी को इस रकम पर सितंबर 2016 से 7 प्रतिशत ब्याज का भुगतान भी करना होगा.
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पेश मामले में 2003 में चार साल की बेटी सौम्या को बुखार होने पर रमेशबाबू हनुमाकोंडा स्थित अमृता नर्सिंग होम ले गए. सलाइन चढ़ाने के दौरान गलत निडिल लगने के कारण बच्ची के दाहिने हाथ की हथेली में सूजन आ गई, दर्द बढ़ गया. हालत ये हो गई कि बच्ची को हैदराबाद के एक निजी चिकित्सालय ले जाने की सलाह दी गई, लेकिन माता-पिता ज्यादा पैसा खर्च करने की स्थिति में नहीं थे. रमेशबाबू बेटी को वारंगल एमजीएम अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने संक्रमित हथेली को काट दिया.