एचरला (आंध्र प्रदेश) : आंध्र प्रदेश के राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ नॉलेज टेक्नोलॉजीज (IIIT-श्रीकाकुलम) में तीन दिनों में फूड पॉइजनिंग की वजह से 300 से ज्यादा छात्र बीमार हो गए हैं. इनमें से कई छात्र-छात्राएं पेट दर्द और उल्टी के बाद बीमार पड़ गए. इनमें से कई स्टूडेंट को श्रीकाकुलम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसी कड़ी में जिला कलेक्टर श्रीकेश बी लठकर ने आईआईआईटी परिसर का दौरा किया और घटना की जांच के आदेश दिए. उनके अलावा अन्य अधिकारियों ने भी आईआईआईटी का निरीक्षण किया.
हालांकि छात्रों की बीमारी के सही कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन छात्रों ने कहा कि वे चपाती और आलू की सब्जी खाने के बाद बीमार पड़ गए, जो कथित तौर पर कम पके थे. वहीं दूसरी तरफ आईआईआईटी प्रशासन ने बिना माता-पिता और जिला प्रशासन को बताए मामले को गोपनीय रखा. प्रारंभ में, आईआईआईटी परिसर के अधिकारियों ने इस घटना को कम करके आंका. यह तब सार्वजनिक हुआ जब अधिक से अधिक छात्र कैंपस में स्वास्थ्य केंद्र पर बीमारी की शिकायत करने पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग ने छात्रों के इलाज के लिए आईआईआईटी परिसर में विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया.
कलेक्टर लठकर ने कहा कि किसी को चिंता नहीं होनी चाहिए, छात्रों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है. उन्होंने कहा, हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. हम जांच करेंगे और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. वहीं मंत्री बोत्सा सत्यनारायण और सांसद बेलाना चंद्रशेखर शनिवार रात को आईआईआईटी गए और प्रभावित छात्रों से जानकारी ली. वहीं आईआईआईटी का दौरा करने वाले अधिकारियों ने आसपास, मेस, शयनगृह और कक्षाओं का निरीक्षण किया. उन्होंने बीमार छात्रों से बात की और स्थिति का जायजा लिया. साथ ही पानी और खाने के नमूने लिए गए हैं जिससे पता चल सके कि छात्र जल प्रदूषण या दूषित भोजन के कारण बीमार हुए हैं.
वहीं डीएमएचओ डॉ. बी मीनाक्षी ने कहा कि एक विशेष चिकित्सा दल अगले पांच दिनों तक IIIT परिसर में रहेगा. हमने आईआईआईटी मेस का निरीक्षण किया है और छात्रों की बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए भोजन के नमूने एकत्र किए हैं.
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