नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में विहिप नेताओं ने कहा कि मानवाधिकार केवल एक समुदाय विशेष का विषय नहीं बल्कि वैश्विक है. इसके बावजूद जब भी मानवाधिकार की बात होती है तो कुछ चुनिंदा और समुदाय विशेष से जुड़ी घटनाओं पर सभी सवाल उठाते हैं.
उन्होंने कहा कि जब बात पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर हो रहे अत्याचार की आती है तो कोई उनके लिये सवाल नहीं उठता. मानवाधिकार के मुद्दे पर पक्षपात पर विश्व समुदाय में चुप्पी क्यों है. कार्यक्रम को विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, विहिप विदेश विभाग के महामंत्री प्रशांत हरतालकर, भाजपा राज्य सभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य ज्योतिका अरोड़ा ने संबोधित किया.
अफगानिस्तान-बांग्लादेश का मुद्दा उठाया
ईटीवी भारत से बातचीत में विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि वह मानवाधिकार के विषय पर बहुत दुःख के साथ पक्षपात की बात करते हैं. इसी वर्ष अफगानिस्तान पूरी तरह से हिन्दू, सिख और बौद्ध समुदाय से निर्मूल हो गया लेकिन इस बात पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कोई आवाज़ नहीं उठी.
किसी ने अफगानिस्तान की निंदा नहीं की जबकि अखलाक और ग्राहम स्टेन्स के साथ हुई घटनाओं को बार बार उठाया जाता है. वो भी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं थीं लेकिन अफगानिस्तान और बांग्लादेश में जो हिन्दुओं के साथ होता है उसकी चिंता क्यों नहीं होती? मानवाधिकारों के हनन का मामला एक ही तराजू में तौला जाना जाहिए.
पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हत्याओं और हिंसा पर आलोक कुमार ने कहा है कि बंगाल में जो कुछ भी हो रहा है वह बहुत चिंता का विषय है और ऐसे में केंद्र सरकार को यदि कोई कार्रवाई करनी पड़े तो आपत्ति नहीं होनी चाहिये.
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विहिप विदेश विभाग के महामंत्री प्रशांत हरतालकर ने कहा कि विहिप लंबे समय से लोगों के मानवाधिकारों के लिये कार्य करता रहा है. पाकिस्तान के हिन्दू शरणार्थी की बात हो या बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा, विहिप लगातार इन विषयों को उठाता रहा है. प्रशांत हरतालकर ने मोदी सरकार से आग्रह किया है कि वह नागरिकता संशोधन कानून को जल्द लागू करे जिससे कि देश में रह रहे हजारों हिन्दू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल सके.