ETV Bharat / bharat

प्रस्तावित धर्म परिवर्तन निरोधक कानून के विरोध में बनाई मानव श्रृंखला

author img

By

Published : Dec 15, 2021, 3:05 AM IST

कर्नाटक विधानमंडल के वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा सरकार द्वारा जिस प्रस्तावित धर्म-परिवर्तन निरोधक विधेयक को पेश किए जाने की उम्मीद है, उसमें दंडनीय प्रावधान की संभावना है. इस विधेयक का विरोध भी शुरू हो गया है. ईसाई समुदाय के लोगों ने इसके विरोध में बेंगलुरु में मानव श्रृंखला (Human chain held in Bengaluru) बनाई.

human-chain-held-in-bengaluru   (Photo: ETV Bharat)
प्रस्तावित धर्म परिवर्तन निरोधक कानून का विरोध (फोटो-ईटीवी भारत)

बेंगलुरु : कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने पर जोर दे रही है. इस संबंध में सीएम बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basuraj Bomai) ने कहा है कि कैबिनेट में पारित होने के बाद जल्द ही मसौदा विधेयक को विधानसभा में पेश किया जाएगा.

हालांकि राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून की चर्चा भाजपा गलियारों में उसी समय से हो रही थी जब से बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री का पद संभाला है. उधर, इसका विरोध भी शुरू हो गया है.

ईसाई समुदाय ने बेंगलुरु के हडसन सर्कल में बड़े पैमाने पर मानव श्रृंखला का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न धर्मों के अनुयायियों ने भी भाग लिया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक अभी तक पेश नहीं किया गया है. उनका आरोप है कि राज्य भर के विभिन्न जिलों में संघ कार्यकर्ताओं द्वारा चर्चों पर हमला किया जा रहा है, जिससे ईसाई समुदाय में भय और चिंता का माहौल पैदा हो रहा है.

प्रस्तावित धर्म परिवर्तन निरोधक कानून में हो सकते हैं दंडनीय प्रावधान

गौरतलब है कि प्रस्तावित धर्म-परिवर्तन निरोधक विधेयक को पेश किए जाने की उम्मीद है, उसमें दंडनीय प्रावधान की संभावना है. उसमें इस बात पर भी जोर दिया जा सकता है कि धर्मांतरण करने को इच्छुक व्यक्ति को ऐसा करने से दो महीने पहले उपायुक्त को आवेदन देना होगा.

उसमें यह भी प्रावधान हो सकता है कि अन्य धर्म अपनाने को इच्छुक व्यक्ति को अपने मूल धर्म, उससे जुड़ी आरक्षण जैसी सुविधाएं या फायदे गंवाने पड़ सकते हैं. हालांकि वह जिस धर्म को अपनाएगा, उसे उस धर्म से जुड़े लाभ मिल सकते हैं.

गृहमंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा, 'जो धर्मांतरण निरोधक कानून हम लाने जा रहे हैं उसका लक्ष्य किसी खास समुदाय को निशाना बनाना नहीं है बल्कि हम इसे कानूनी ढांचे के अंदर ला रहे हैं. यह संविधान के अनुच्छेद 25 में ही है कि बलात धर्मांतरण नहीं किया जा सकता है, लेकिन यदि ऐसा धर्मांतरण होता है तो उसमें दंडीय उपबंध नहीं था.'

उन्होंने बेलगावी में संवाददाताओं से कहा, 'हम (बलात धर्मांतरण के लिए) दंड, दंडनीय प्रावधान ला रहे हैं. जो व्यक्ति धर्म बदलना चाहता है उसे ऐसा करने से दो महीने पहले उपायुक्त को इस आशय का आवेदन देना चाहिए और यह भी कि, जो धर्मांतरण कराएगा, उसे भी आवेदन देना होगा। जो व्यक्ति अपना धर्म बदलेगा, वह अपने मूल धर्म तथा उससे जुड़ी सुविधा एवं फायदे गंवा बैठेगा.'

पढ़ें- कर्नाटक एमएलसी चुनाव: मतगणना जारी

सरकार इस शीतकालीन सत्र में धर्म परिवर्तन निरोधक विधेयक पेश कर सकती है. यह सत्र सीमावर्ती बेलगावी जिले में सोमवार को शुरू हुआ. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि धर्म परिवर्तन निरोधक विधेयक फिलहाल विधि विभाग की जांच समिति के पास है ,वहां से मंजूरी मिलने के बाद उसे मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा और फिर विधानसभा एवं विधानपरिषद में पेश किया जाएगा.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

बेंगलुरु : कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने पर जोर दे रही है. इस संबंध में सीएम बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basuraj Bomai) ने कहा है कि कैबिनेट में पारित होने के बाद जल्द ही मसौदा विधेयक को विधानसभा में पेश किया जाएगा.

हालांकि राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून की चर्चा भाजपा गलियारों में उसी समय से हो रही थी जब से बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री का पद संभाला है. उधर, इसका विरोध भी शुरू हो गया है.

ईसाई समुदाय ने बेंगलुरु के हडसन सर्कल में बड़े पैमाने पर मानव श्रृंखला का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न धर्मों के अनुयायियों ने भी भाग लिया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक अभी तक पेश नहीं किया गया है. उनका आरोप है कि राज्य भर के विभिन्न जिलों में संघ कार्यकर्ताओं द्वारा चर्चों पर हमला किया जा रहा है, जिससे ईसाई समुदाय में भय और चिंता का माहौल पैदा हो रहा है.

प्रस्तावित धर्म परिवर्तन निरोधक कानून में हो सकते हैं दंडनीय प्रावधान

गौरतलब है कि प्रस्तावित धर्म-परिवर्तन निरोधक विधेयक को पेश किए जाने की उम्मीद है, उसमें दंडनीय प्रावधान की संभावना है. उसमें इस बात पर भी जोर दिया जा सकता है कि धर्मांतरण करने को इच्छुक व्यक्ति को ऐसा करने से दो महीने पहले उपायुक्त को आवेदन देना होगा.

उसमें यह भी प्रावधान हो सकता है कि अन्य धर्म अपनाने को इच्छुक व्यक्ति को अपने मूल धर्म, उससे जुड़ी आरक्षण जैसी सुविधाएं या फायदे गंवाने पड़ सकते हैं. हालांकि वह जिस धर्म को अपनाएगा, उसे उस धर्म से जुड़े लाभ मिल सकते हैं.

गृहमंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा, 'जो धर्मांतरण निरोधक कानून हम लाने जा रहे हैं उसका लक्ष्य किसी खास समुदाय को निशाना बनाना नहीं है बल्कि हम इसे कानूनी ढांचे के अंदर ला रहे हैं. यह संविधान के अनुच्छेद 25 में ही है कि बलात धर्मांतरण नहीं किया जा सकता है, लेकिन यदि ऐसा धर्मांतरण होता है तो उसमें दंडीय उपबंध नहीं था.'

उन्होंने बेलगावी में संवाददाताओं से कहा, 'हम (बलात धर्मांतरण के लिए) दंड, दंडनीय प्रावधान ला रहे हैं. जो व्यक्ति धर्म बदलना चाहता है उसे ऐसा करने से दो महीने पहले उपायुक्त को इस आशय का आवेदन देना चाहिए और यह भी कि, जो धर्मांतरण कराएगा, उसे भी आवेदन देना होगा। जो व्यक्ति अपना धर्म बदलेगा, वह अपने मूल धर्म तथा उससे जुड़ी सुविधा एवं फायदे गंवा बैठेगा.'

पढ़ें- कर्नाटक एमएलसी चुनाव: मतगणना जारी

सरकार इस शीतकालीन सत्र में धर्म परिवर्तन निरोधक विधेयक पेश कर सकती है. यह सत्र सीमावर्ती बेलगावी जिले में सोमवार को शुरू हुआ. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि धर्म परिवर्तन निरोधक विधेयक फिलहाल विधि विभाग की जांच समिति के पास है ,वहां से मंजूरी मिलने के बाद उसे मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा और फिर विधानसभा एवं विधानपरिषद में पेश किया जाएगा.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.