अक्वेरियम में रहने वाली मछलियों की संजीदगी से देखभाल बहुत जरूरी होती है, क्योंकि यदि उनकी नियमित देखभाल और अक्वेरियम की साफ सफाई का ध्यान ना रखा जाए तो मछलियां बीमार हो सकती हैं और मर भी सकती हैं.
ETV भारत सुखीभवा को ज्यादा जानकारी देते हुए इंदौर के पेट बाजार के मछली विक्रेता सौरभ परदेसी ने एक्वेरियम में रहने वाली मछलियों की देखभाल के लिए बहुत से लाभकारी टिप्स दिए. सौरव बताते हैं कि मछलियों की लंबी आयु के लिए बहुत सी बातें ध्यान में रखना जरूरी हैं जैसे
- किस प्रकार की मछली पाली जा रही है
- मछलियों के आकार और संख्या के अनुसार एक्वेरियम का आकार
- एक्वेरियम की नियमित सफाई
- मछलियों को दिए जाने वाले आहार की मात्रा
कैसा हो एक्वेरियम
बहुत से लोग कांच के मटको में दो या तीन छोटी-छोटी मछलियां रखना पसंद करते हैं. लेकिन जो लोग बड़े डब्बानुमा कांच का अक्वेरियम रखते हैं उनके लिए बहुत जरूरी है कि उनका अक्वेरियम सभी सुविधाओं से लैस हो. जैसे फ़िल्टर, हीटर आदि अक्वेरियम के पानी की नियमित सफाई के लिये फ़िल्टर बहुत जरूरी है. बाजार में अलग-अलग प्रकार के फिल्टर मिलते हैं, जैसे मैकेनिकल फिल्टर, जैविक फिल्टर और केमिकल फिल्टर. लेकिन उन्हें खरीदने से पहले बहुत जरूरी है इस बात को ध्यान में रखना कि अक्वेरियम का आकार क्या है और उस एक्वेरियम में लगभग कितनी संख्या में मछलियां रहने वाली हैं.
एक्वेरियम को कभी भी सीधे धूप के नीचे नहीं रखना चाहिए, इसके अलावा उन्हें किसी ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां से उनके गिरने की आशंका बिल्कुल भी ना हो. चूंकि क्वेरियम में पानी को साफ करने वाला फिल्टर बिजली से चलता है इसीलिए कोशिश करें कि अक्वेरियम को बिजली के प्लग के पास रखा जाए.
अक्वेरियम की साफ सफाई जरूरी
मछलियों की लंबी उम्र के लिए बहुत जरूरी है कि अक्वेरियम की नियमित सफाई हो. एक्वेरियम में लगा हुआ फिल्टर सिस्टम पानी के दूषित पदार्थों को खत्म करता है. इसके अलावा नियमित अंतराल पर एक्वेरियम का पानी बदलना भी बहुत जरूरी होता है. महीने में कम से कम एक बार मछलियों को पानी से बाहर निकालकर अक्वेरियम की गहन सफाई बहुत जरूरी होती है.
इसके साथ ही बहुत जरूरी है कि पानी के तापमान को सही रखने और पर्याप्त रोशनी के लिये अक्वेरियम में हीटर तथा प्रकाश की भी पूरी व्यवस्था हो.
एक्वेरियम का पानी साफ रहे इसके लिए बहुत जरूरी है कि उस में लगाए गए सजावटी सामान भी पूरी तरह से साफ हो. इसके अलावा सप्ताह में एक बार अक्वेरियम के पानी के पीएच सर को भी नापा जाना जरूरी है.
नुकीले ना हो एक्वेरियम में रखे जाने वाले सजावटी सामान
मछलियों की त्वचा बहुत नाजुक होती है इसलिए बहुत जरूरी है कि आपका एक्वेरियम चाहे बड़ा हो या छोटा उसमें रखे जाने वाले सजावटी सामान नुकीले तथा चोट पहुंचाने वाले ना हो. विशेष तौर पर लोग अक्वेरियम में प्लास्टिक के पौधे और अन्य सजावटी सामान रखते हैं, जिनकी साफ सफाई भी नियमित तौर पर होनी जरूरी है.
बहुत से लोग अक्वेरियम में असली पौधे भी लगाते हैं. ऐसी अवस्था में अक्वेरियम में आवश्यक प्रकाश की व्यवस्था बहुत जरूरी होती है क्योंकि अक्वेरियम के पौधों को कम से कम 12 घंटे तक सीधे प्रकाश की आवश्यकता होती है. एक्वेरियम में सजाने के लिए अमेज़न स्वर्ड, जावा फर्न लगाई जा सकती है.
समान आकार तथा प्रगति वाली मछलियों को रखें एक साथ
एक्वेरियम में रखने के लिए छोटी मछलियां ज्यादा बेहतर विकल्प होती हैं. सौरभ परदेसी बताते हैं कि एक साथ एक अक्वेरियम में रखी जाने वाली मछलियों को खरीदने से पहले उनकी प्रकृति जानना बहुत जरूरी है . साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि वह किस प्रकार के पानी में रहने वाली मछली है जैसे कुछ मछलियां खारे पानी में ही जीवित रह पाती हैं , वहीं कुछ मछलियों को मीठे पानी में रहने वाली मछलियां कहा जाता है.
दरअसल कुछ मछलियां बहुत ही शांत होती हैं लेकिन कुछ मछलियां शरारती तथा हिंसक होती हैं जो शांत मछलियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
छोटे एक्वेरियम के लिए आमतौर पर गोल्डन फिश, नीयन टेट्रा, जेबराफिश और बौना गुरामी मछलियों को आदर्श माना जाता है.
मछलियों को खरीदने से पहले उनकी रहने की जरूरतों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है जैसे कुछ मछलियां सिर्फ समूह में रहना पसंद करती हैं. ऐसी मछलियों को हमेशा से कम से कम चार से पांच की संख्या में एक साथ रखना होता है. अन्यथा वे कम समय तक जीवित रह पाती हैं. वैसे भी मछलियां हमेशा जोड़ी मे ही खरीदनी चाहिए.
बहुत ज्यादा भोजन ना दें
एक्वेरियम में रहने वाली मछलियों को आमतौर पर दिन में 2 बार से ज्यादा खाना नहीं देना चाहिए. भोजन की मात्रा मछली के प्रकार पर निर्भर करती है. जरूरत से ज्यादा भोजन मछली के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है वही एक्वेरियम की तली में बचकर गिरा हुआ भोजन गंदगी का कारण बन सकता है.
मछली के स्वास्थ्य का ध्यान रखें
मछली के स्वास्थ्य को जांचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इस बात को ध्यान में रखें कि वह लगातार तैर रही है या नहीं, या कहीं उस पर किसी प्रकार के धब्बे तो नजर नहीं आ रही हैं. यदि किसी मछली में यह दोनों लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे दूसरी मछलियों से अलग स्थान पर रखना चाहिए, अन्यथा दूसरी मछलियों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है
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