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वैश्विक व्यापार कैसे जीवन और आजीविका को बचाकर विश्व को सुरक्षित करने में है मददगार - विश्व व्यापार

कोरोना महामारी में लोगों की जान बचाने में वैश्विक व्यापार का अहम रोल है. यह नौकरी के अवसर पैदा कर सतत विकास करने में मददगार साबित हो रहा है. ग्लोबल ट्रेड आउटलुक पर विश्व आर्थिक मंच के नवीनतम एजेंडा डायलॉग्स सेशन में पैनल ने यह बात रखी.

विश्व व्यापार संगठन
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Published : May 13, 2021, 11:57 AM IST

हैदराबाद: कोरोना महामारी में लोगों की जान बचाने में वैश्विक व्यापार का अहम रोल है. यह नौकरी के अवसर पैदा कर सतत विकास करने में मददगार साबित हो रहा है. ग्लोबल ट्रेड आउटलुक पर विश्व आर्थिक मंच के नवीनतम एजेंडा डायलॉग्स सेशन में पैनल ने यह बात रखी.

पैनल में विश्व व्यापार संगठन के महासचिव नगोजी ओकोन्जो इवेला, भारत की ओर से रेल मंत्री और वाणिज्य और उद्योग मंत्री और उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल, ऑस्ट्रेलिया के व्यापार व पर्यटन और निवेश मंत्री डेन तेहन, एगीलिटी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हेनदी अल सालेह, जिलोंगो की सह-संस्थापक और सीईओ अंकिती बोस, ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट स्टडीज में अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रिचर्ड बाल्डविन इस बैठक में मौजूद रहे.

विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने इस सेशन की अध्यक्षता की. सेशन में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति में विश्व व्यापार संगठन की भूमिका लेकर भी चर्चा हुई.

ये भी पढ़ें : सिर्फ छह मिनट में कोरोना संक्रमित खुद करें निमोनिया की पहचान

क्या निकला चर्चा का परिणाम

विश्व व्यापार संगठन के महासचिव डॉ. ओकोंजो इवेला ने कहा, उभरते हुए विकासशील देशों में एफडीआई गिर गई है, जबकि व्यापार के वॉल्यूम के संदर्भ में 5.3 फीसदी और मूल्य के संदर्भ में 7 फसदी की कमी आई है. वहीं, डब्ल्यूटीओ ने वॉल्यूम में इस साल 8 फीसदी की उम्मीद की है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से निर्यात पर लगी रोक से आपूर्ति बाधित हो रही है, लेकिन उन्होंने डब्ल्यूटीओ से कोविड महामारी में मदद की उम्मीद की है.

बैठक में मौजूद रहे भारत के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में कोविड-19 के दूसरे चरण ने बहुत नुकसान किया है. इस वक्त देश बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. बैठक में रेल मंत्री ने कोरोना पर अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए आभार भी प्रकट किया. उन्होंने कहा कि कोरोना के पहले चरण में हमने अतंरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सेवाएं जारी रखीं. उन्होंने कहा कि ऐसे संकट के समय में वैश्विक एकजुटता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संधि 'बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलू' (TRIPS) पर भी हमने साथ दिया.

डब्ल्यूटीओ के भविष्य पर

बता दें कि विश्व व्यापार संगठन का 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2021 तक के लिए जेनेवा में शुरू होने जा रहा है. बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर कहा, आगामी सत्रों में विकसित देशों के लिए कृषि सब्सिडी पर एक परिपक्व समझौते की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि संगठन ने द्वितिय विश्व युद्ध से उबरने में विश्व की मदद की थी और वो कोविड-19 महामारी से बचाने में भी मददगार साबित होगा.

ये भी पढ़ें : टीके की कमी के कारण महाराष्ट्र-कर्नाटक ने 18-44 उम्र समूह के लिए टीकाकरण अभियान रोका

डिजिटल परिपेक्ष्य में

डिजिटल के परिपेक्ष्य में एगीलिटी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हेनादी अल सलेह ने कहा कि व्यापार के भविष्य के लिए समावेश और समृद्ध मूल्यों की श्रृंखला बनाना जरूरी है और दोनों को गी डिजिटल रूप से आसानी से पूरा किया जा सकता है.

वहीं, टेक्सटाइल और फैशन उद्योग के बिजनेस टू बिजनेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की संचालिका अंकिती बोस ने भी डिजिटल माध्यम को सही माना और कहा कि इससे कंपनियों को कार्बन न्यूट्रल जैसी ईसीजी प्रतिबद्धताओं के बारे में विचार करने में मदद मिल रही है. इससे कंपनियों पर कोई आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ रहा है. साथ ही बिचौलियों की भूमिका भी खत्म हो रही है.

हैदराबाद: कोरोना महामारी में लोगों की जान बचाने में वैश्विक व्यापार का अहम रोल है. यह नौकरी के अवसर पैदा कर सतत विकास करने में मददगार साबित हो रहा है. ग्लोबल ट्रेड आउटलुक पर विश्व आर्थिक मंच के नवीनतम एजेंडा डायलॉग्स सेशन में पैनल ने यह बात रखी.

पैनल में विश्व व्यापार संगठन के महासचिव नगोजी ओकोन्जो इवेला, भारत की ओर से रेल मंत्री और वाणिज्य और उद्योग मंत्री और उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल, ऑस्ट्रेलिया के व्यापार व पर्यटन और निवेश मंत्री डेन तेहन, एगीलिटी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हेनदी अल सालेह, जिलोंगो की सह-संस्थापक और सीईओ अंकिती बोस, ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट स्टडीज में अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रिचर्ड बाल्डविन इस बैठक में मौजूद रहे.

विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने इस सेशन की अध्यक्षता की. सेशन में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति में विश्व व्यापार संगठन की भूमिका लेकर भी चर्चा हुई.

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क्या निकला चर्चा का परिणाम

विश्व व्यापार संगठन के महासचिव डॉ. ओकोंजो इवेला ने कहा, उभरते हुए विकासशील देशों में एफडीआई गिर गई है, जबकि व्यापार के वॉल्यूम के संदर्भ में 5.3 फीसदी और मूल्य के संदर्भ में 7 फसदी की कमी आई है. वहीं, डब्ल्यूटीओ ने वॉल्यूम में इस साल 8 फीसदी की उम्मीद की है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से निर्यात पर लगी रोक से आपूर्ति बाधित हो रही है, लेकिन उन्होंने डब्ल्यूटीओ से कोविड महामारी में मदद की उम्मीद की है.

बैठक में मौजूद रहे भारत के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में कोविड-19 के दूसरे चरण ने बहुत नुकसान किया है. इस वक्त देश बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. बैठक में रेल मंत्री ने कोरोना पर अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए आभार भी प्रकट किया. उन्होंने कहा कि कोरोना के पहले चरण में हमने अतंरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सेवाएं जारी रखीं. उन्होंने कहा कि ऐसे संकट के समय में वैश्विक एकजुटता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संधि 'बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलू' (TRIPS) पर भी हमने साथ दिया.

डब्ल्यूटीओ के भविष्य पर

बता दें कि विश्व व्यापार संगठन का 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2021 तक के लिए जेनेवा में शुरू होने जा रहा है. बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर कहा, आगामी सत्रों में विकसित देशों के लिए कृषि सब्सिडी पर एक परिपक्व समझौते की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि संगठन ने द्वितिय विश्व युद्ध से उबरने में विश्व की मदद की थी और वो कोविड-19 महामारी से बचाने में भी मददगार साबित होगा.

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डिजिटल परिपेक्ष्य में

डिजिटल के परिपेक्ष्य में एगीलिटी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हेनादी अल सलेह ने कहा कि व्यापार के भविष्य के लिए समावेश और समृद्ध मूल्यों की श्रृंखला बनाना जरूरी है और दोनों को गी डिजिटल रूप से आसानी से पूरा किया जा सकता है.

वहीं, टेक्सटाइल और फैशन उद्योग के बिजनेस टू बिजनेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की संचालिका अंकिती बोस ने भी डिजिटल माध्यम को सही माना और कहा कि इससे कंपनियों को कार्बन न्यूट्रल जैसी ईसीजी प्रतिबद्धताओं के बारे में विचार करने में मदद मिल रही है. इससे कंपनियों पर कोई आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ रहा है. साथ ही बिचौलियों की भूमिका भी खत्म हो रही है.

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