पुणे : महाराष्ट्र के शहर पुणे में एक होटल संचालक ने तीन भिखारियों की बड़ी निर्दयता से जान ले ली. उन भिखारियों का कसूर सिर्फ इतना था कि वे होटल के पास मार्केट में बैठकर आने-जाने वालों से पैसे मांगते थे. यह घटना 23 मई की है. आरोप है कि बर्बर हत्याकांड के बाद भी पुलिस ने स्थानीय विधायक के दबाव के कारण तत्काल रिपोर्ट दर्ज नहीं की. काफी हंगामे के बाद 30 मई को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. इस घटना में स्थानीय सरकारी अस्पताल ने भी मानवता नहीं दिखाई. आरोप है कि लोगों के सूचना के बाद भी वहां से एंबुलेंस नहीं आई.
पुणे शहर के सासवड इलाके में पप्पू उर्फ निलेश जयवंत जगताप का एक होटल है. इस होटल के पास अहिल्या देवी मार्केट है. इसी मार्केट बरामदे में भिखारी चले आते हैं. 23 मई को यहां तीन भिखारी दया की उम्मीद में यहां बैठे थे. होटल के सामने उनका बैठना पप्पू उर्फ निलेश जगताप को अच्छा नहीं लगा. उसने भिखारियों को वहां से जाने को कहा, मगर वे बेचारे बैठे रह गए. इससे नाराज आरोपी पप्पू जगताप ने पहले तीनों को डंडे से जमकर पीटा. इससे भी जब उसका मन नहीं भरा तो उसने अपने होटल से तीन भिखारियों पर खौलता हुआ पानी डाल दिया. गर्म पानी से तीनों गंभीर रूप से झुलस गए.
जहां यह घटना हुई, वहां से सासवड पुलिस स्टेशन चंद कदम दूर है. मगर वारदात के बाद पुलिस ने मौके पर आना जरूरी नहीं समझा. गंभीर रूप से झुलसे ये भिखारी कई घंटों तक सड़क किनारे तड़पते रहे. कुछ लोग तीनों भिखारियों को अस्पताल ले गए, जहां दो को डॉक्टरों ने मृत घोषित दिया. तीसरी महिला भिखारन की मौत दो जून को हो गई. बताया जाता है कि स्थानीय विधायक आरोपी पप्पू जगताप के रिश्तेदार हैं, इसलिए पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. जब लोगों ने इस पर हंगामा शुरू किया तो पुलिस एक्टिव हुई. आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस सीसीटीवी आदि से साक्ष्य जुटाने में लापरवाही करती नजर आई. लोगों ने इनके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाया है. फिलहाल इस मामले में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है.