नंदुरबार (महाराष्ट्र) : नंदुरबार जिले के सारंगखेड़ा में लगे घोड़े के मार्केट में महज दो दिन में 60 लाख का कारोबार हो चुका है. वहीं अभी 'कोहिनूर' नाम का घोड़ा 11 लाख रुपये में बिका है. मार्केट में बिक्री के लिए दो हजार घोड़े यहां पर पहुंचे हैं.
बताया जाता है कि घोड़ा व्यापारी हर्षल बछाव से 11 लाख रुपये कोहिनूर घोड़ा खरीदा गया है. इसे कोल्हापुर जिले के उकली के बालूमाला मंदिर के लिए खरीदा गया है. हालांकि पहले ही दिन से घोड़े के बाजार में रौनक है. यहां पर घोड़े खरीदने के लिए न केवल देश बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं. घोड़ा बाजार के लिए मशहूर इस मार्केट के लगाने पर इस साल जिला प्रशासन ने रोक लगा दी थी. लेकिन बाद में नियम और शर्तों के साथ मार्केट को लगाने का अनुमति दी गई है. मार्केट में 75 घोड़ों की बिक्री से 60 लाख का कारोबार हुआ. इस साल इस मार्केट की बिक्री 4 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाने की उम्मीद है.
इस संबंध में घोड़ा व्यापारी हर्षल बछाव ने बताया कि उसने एक घोड़ा बालू मामा मंदिर के लिए 11 लाख 11 हजार 111 रुपये में बेचा. बता दें कि उत्तरी महाराष्ट्र में सांगरखेड़ा स्थित भव्य दत्ता मंदिर तीन सौ साल पुराना है. लेकिन कोरोना की वजह से यह मंदिर भी डेढ़ साल तक बंद रहा. इस दौरान मंदिर में पेंटिंग समेत कई काम किए गए. साथ ही मंदिर में सुंदर कांच का काम किया गया. मंदिर को गोल वास्तुकला के अनुसार डिजाइन किया गया है.
सारंगखेड़ा इलाका इन दिनों घोड़ों से भरा हुआ है. यहां पर देश भर के घोड़े बेचने वाले विभिन्न नस्ल के घोड़ों को लेकर आते हैं. यहां पर घोड़े व्यापारी के ठहरने के विशेष इंतजाम किए गए हैं. वहीं घोड़े को देखने के लिए आने वाले लोगों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं घुड़सवारी के लिए भी अलग से स्थान मुहैया कराया गया है.
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