नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने गुरुवार से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए पूर्ण सुरक्षा बंदोबस्त कराये हैं. दो साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू होने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा में लगभग आठ लाख भक्तों के आने की उम्मीद है. सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा, "अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किए गए सभी सुरक्षा कर्मियों को एक से दो सप्ताह का पूर्व-प्रशिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया गया है."
अधिकारी के अनुसार, सुरक्षा कर्मियों को उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान तीर्थयात्रियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के अलावा, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, जमीनों पर छीपाए गए बम को निष्क्रिय करने, आदि पर भी ट्रेनिंग दी गई है. वास्तव में, अमरनाथ यात्रा के लिए तैनात सभी सुरक्षा बलों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है. 43 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कम से कम 300 कंपनियों को तैनात किया गया है.
अधिकारी ने कहा, "यात्रा पर उग्रवादियों का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए हमने सुरक्षा के सारे इंतजाम कर लिए हैं. इस बीच, सीआरपीएफ ने जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में 121 आतंकवादियों को मार गिराया है, जिनमें से 34 विदेशी आतंकवादी थे." सीआरपीएफ के एक अन्य अधिकारी ने कहा, "पिछले एक सप्ताह के दौरान, विभिन्न आतंकवादी समूहों के पांच आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर मार गिराया गया है और जून में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए आतंकवादियों की कुल संख्या 30 थी."
अधिकारी ने स्वीकार किया कि केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न स्थानों में पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठनों के आतंकवादी सदस्य सक्रिय हैं. वहीं, हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के 16 आतंकवादी, लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के 68 सक्रिय आतंकवादी, जैश ए मोहम्मद (जेएम) के 29 आतंकवादी, IS/JK के एक आतंकवादी और सात अज्ञात को इस वर्ष CRPF ने मार गिराया है.