वाराणसी: गृह मंत्री अमित शाह(Home Minister Amit Shah) आज वाराणसी में लगभग 3 घंटे से ज्यादा वक्त तक रहे. गृह मंत्री का बनारस आना ऐसे ही नहीं बल्कि पूरे प्लान के तहत था. बिहार में समाजवादी नेता जेपी की प्रतिमा के अनावरण और जनसभा को संबोधित करने के बाद उन्होंने वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ सर्किट हाउस में लगभग 3:30 घंटे से महत्वपूर्ण बैठक की है. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि काशी से उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार को साधने की प्लानिंग करने वाली बीजेपी अब गुजरात चुनाव को साधने की कोशिश में जुट गई है. यूपी के निकाय चुनावों में भी शत-प्रतिशत जीत सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों को 11 वार्ड की रणनीति पर काम करने की जिम्मदारी दी है.
दरअसल गृह मंत्री के बनारस दौरे को लेकर तैयारियां कई दिन से की जा रही थी. क्योंकि सर्किट हाउस (Varanasi Circuit House) में अमित शाह को महत्वपूर्ण पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करनी थी. इस बैठक में सिर्फ गिने-चुने लोग ही शामिल हुए. जिनमें गृह मंत्री अमित शाह के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता सुनील ओझा और उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी इस पूरे बैठक में शामिल थे.
गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए महत्वपूर्ण बैठक
सबसे बड़ी बात यह है कि पार्टी की इस महत्वपूर्ण बैठक में न ही काशी क्षेत्र और न ही वाराणसी जिले के किसी बड़े पदाधिकारी या कार्यकर्ता को शामिल किया गया था. इस बैठक का मूल उद्देश्य सबसे पहले गुजरात चुनावों को लेकर यूपी और पूर्वांचल की भूमिका पर केंद्रित था. भारतीय जनता पार्टी के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि गुजरात चुनाव में उत्तर भारतीयों को साधने के लिए उत्तर प्रदेश के अलावा पूर्वांचल से कई बीजेपी नेताओं को गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए भेजे जाने की प्लानिंग की गई है.
गुजरात में उत्तर भारतीयों के वोटों की जिम्मेदारी पूर्वांचल के नेताओं के हाथ
पूरे उत्तर प्रदेश से 200 से ज्यादा और अकेले पूर्वांचल से लगभग 50 से ज्यादा बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की लिस्ट को आज अमित शाह के सामने रखा गया था. जिनमें हर कार्यकर्ता की क्षमता और उसके अनुरूप उसके कार्यों के क्रियान्वयन को लेकर मंथन हुआ. गुजरात में उत्तर भारतीयों के वोट बैंक वाले हिस्से में यूपी और पूर्वांचल के इन्हीं नेताओं को लगाकर बीजेपी को मजबूती प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है.
इनमें पूर्वांचल के हिस्से में बनारस को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)के लिए पूरा प्लान तैयार करने का श्रेय बीजेपी बनारस के कई कार्यकर्ताओं को पदाधिकारियों को दिया गया था.
जिसकी वजह से यूपी में बीजेपी काफी मजबूत स्थिति में दिखाई दी. इसका फायदा उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को मजबूती के साथ मिला. यही वजह है कि बनारस का किरदार गुजरात चुनावों में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस वजह से अमित शाह ने आज लगभग 3 घंटे तक इन्हीं मुद्दों पर मंथन किया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) हर चुनावों को बड़ी मजबूती से लड़ते हुए छोटे-छोटे चुनावों में भी बड़ी जीत हासिल करने का प्लान करती है. यही वजह है कि निकाय चुनाव में हर वार्ड पर जीत हासिल करने के लिए भी बीजेपी अपनी प्लानिंग कर रही है. फिर बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की मौजूदगी में निकाय चुनावों को लेकर भी प्लान पर मंथन किया गया है.
मुस्लिम कम्युनिटी से जुड़े लोगों को भी मिलेगा टिकट
अल्पसंख्याक क्षेत्रों में मोर्चाबंदी करते हुए यहां पर मुस्लिम कम्युनिटी से जुड़े लोगों को ही बीजेपी इस बार चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. हालांकि पहले बीजेपी की तरफ से ऐसा नहीं होता था. अल्पसंख्यक इलाकों में भी बीजेपी अलग से कैंडिडेट उतारती थी. इस बार क्षेत्रीय नेताओं के साथ वहां पर काम कर रहे अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ताओं को ही तरजीह दिए जाने पर भी सहमति बनी है. फिलहाल इस महत्वपूर्ण बैठक में बहुत सी बातें निकाय चुनाव को लेकर भी सामने आई हैं. अमित शाह के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल लगभग 6:30 बजे वाराणसी से रवाना हो गए.
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