तेलंगानाः हैदराबाद के एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को होमगार्ड को पिछले साल अक्टूबर में शारीरिक रूप से अक्षम नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के लिए 30 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.
पहली एडिशन मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश, सुनीता कुंचला ने 40 वर्षीय व्यक्ति को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम, अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2015 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दोषी पाया और उसे 30 साल की सजा सुनाई.
होमगार्ड को पॉक्सो(POSCO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत 30 साल के आरआई और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2015 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
होमगार्ड को आगे आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दो साल के आरआई से गुजरने की सजा सुनाई गई थी. यह सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अदालत ने उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
इस व्यक्ति ने अक्टूबर 2020 में किराने का सामान देने के बहाने, 16 वर्षीय लड़की के घर में घुस कर अपराध को अंजाम दिया. उस वक्त लड़की के माता पिता घर पर नहीं थे.
होमगार्ड ने अक्टूबर 2020 की दो अलग-अलग तारीखों को लड़की को उसके घर में गलत तरीके से कैद कर लिया था. इतना ही नहीं, होमगार्ड ने घटना के बारे में किसी को बताने पर लड़की को जान से मारने की धमकी भी दी थी.
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इसी साल फरवरी में होमगार्ड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. लड़की को भी मेडिकल जांच के लिए भेजा गया , जिसमें पता चला था कि वह पांच महीने की गर्भवती है. इसके बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया.