नई दिल्ली : रंगों के पर्व होली की पूर्व संध्या पर देशभर में होलिका दहन किया गया. लोगों ने जगह-जगह होलिका बनाकर पूजन किया. मान्यता है कि होलिका पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. होली से पहले होलिका दहन करके बुराई का अंत किया जाता है.
वहीं, दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने होलिका दहन के दौरान कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि तीनों कृषि कानून काले हैं. इसलिए उनको होलिका दहन के साथ जलाया गया है. उन्होंने बताया कि 4 और 5 अप्रैल को गुजरात जा रहे हैं. आंदोलन अभी यूं ही चलता रहेगा.
गुलाल की जगह मिट्टी से तिलक
बता दें कि दो महीने पहले ही किसानों ने होलिका दहन के लिए गांव से मिट्टी और लकड़ी लाने की शुरुआत कर दी थी. किसानों ने यह पहले ही साफ कर दिया था कि कृषि कानून के खिलाफ मनाई जाने वाली होली पर गुलाल की जगह गांव की मिट्टी से तिलक करेंगे. यहां पर कृषि कानून की प्रतियां जलाएंगे.
गुजरात में प्रेस कॉन्फ्रेंस रोकने पर गुस्सा
भारत बंद के दिन गुजरात में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. जिससे किसान नेता काफी ज्यादा गुस्से में है. इस पर राकेश टिकैत ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह भी गुजरात जा रहे हैं और वहां के किसानों तक देश के किसानों की आवाज पहुंचाएंगे.
जाहिर है कि राकेश टिकैत एक बार फिर खुली चेतावनी देते हुए नजर आ रहे हैं, जो गुजरात पुलिस के लिए चिंता का विषय बन सकता है.