वाराणसी : होली से पहले धर्मनगरी वाराणसी में रंगभरी एकादशी का पर्व मनाया गया. इसके बाद से वाराणसी में होली का उत्साह चरम पर है. हर तरफ होली का हुड़दंग शुरू हो चुका है. सबसे बड़ी बात यह है कि अपने आराध्य देव आदि देव महादेव के साथ भक्तों ने आज कोविड-19 को भूलकर जमकर होली खेली. काशी की गलियों में उमड़ी आस्थावानों की जबरदस्त भीड़ ने यह साबित कर दिया कि कोविड-19 पर आस्था पूरी तरह से भारी है. कोविड-19 के दिशानिर्देशों को ताक पर रखकर काशी में होली के हुड़दंग की शुरुआत और माता गौरा के गौने की रस्म धूमधाम से पूरी हुई.
कोरोना का डर भूले लोग
यह अद्भुत परंपरा लगभग 356 सालों से चली आ रही है. लंबे वक्त से बाबा भोलेनाथ से दूरी बनाए भक्त कोविड-19 के दिशानिर्देशों को भूलकर अपने आराध्य के साथ होली खेलने पहुंचे. भक्त देवाधिदेव महादेव और माता गौरा को अबीर गुलाल चढ़ाकर बाबा भोलेनाथ के गृहस्थ स्वरूप के दर्शन कर धन्य हुए. नर-नारी, किन्नर समेत हर कोई बाबा की इस अद्भुत छवि के दर्शन करने के लिए पहुंचा.
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शुभ होली की हुई कामना
फिलहाल भगवान भोलेनाथ की नगरी में होली के हुड़दंग की शुरुआत हो चुकी है. रंगभरी एकादशी के पर्व पर भगवान भोलेनाथ के साथ जमकर होली खेलने के बाद भक्तों ने अपनी होली को शुभ बनाने की कामना भी की. वहीं, लोगों ने अपने तरीके से गीत भी गाया.