लखनऊ : एचआईवी संक्रमण के कारण होने वाले एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (world AIDS Day) मनाया जाता है. इस वर्ष के विश्व एड्स दिवस 2022 के लिए इक्वलाइज़ विषय रखा गया है. यानी कि एचआईवी संक्रमण से पीड़ित मरीजों को हीन दृष्टि से न देखा जाए और सभी में समानता बरकरार रहे. प्रदेशभर से राजधानी लखनऊ में मरीज इलाज के लिए आते हैं. केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई जैसे बड़े संस्थानों में ज्यादातर एचआईवी पॉजिटिव मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं.
उन्होंने बताया कि अक्सर जो मरीज एड्स एचआईवी से ग्रसित हैं, उन्हें समाज से बहिष्कार किया जाता है. इसी को लेकर विश्व एड्स दिवस पर लोगों को जागरूक किया जाता है ताकि उनके साथ दुर्व्यवहार, भेदभाव न हो. दुनिया भर के किसी भी देश में अभी तक एड्स का इलाज नहीं है. एचआईवी के कारण इम्यूनिटी सिस्टम काफी कम हो जाती है. इसके चलते यह वायरस तेजी से शरीर में फैलता है और अगर इसके फर्स्ट स्टेज में इलाज न किया जाए तो व्यक्ति अपनी जान भी गंवा सकता है. आमतौर पर यह अनसेफ इंटरकोर्स एवं एचआईवी वाले व्यक्ति के संबंध में आने से यानी जिस व्यक्ति को एचआईवी है और उसके इंजेक्शन या फिर उपकरण को दूसरे मरीजों के साथ शेयर करने पर होता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत में केंद्र व राज्य सरकार ने विश्व स्तर पर विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई सारे कार्यक्रम का संचालन करती है.
एचआईवी के शुरुआती लक्षण : एचआईवी के वायरस जब शरीर में प्रवेश करता है. उसके कुछ ही समय बाद कुछ संकेत देखने को मिलते हैं. शुरुआत में तेज बुखार, शरीर में पसीना आना, थकान, उल्टी, दस्त, शरीर में खुजली जैसे आदि लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलता है. समय रहते अगर इसका इलाज न करवाए जाए तो यह अपना गंभीर रूप ले लेती है. इसके चलते लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं. ऐसे में अगर आपने कभी असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं या फिर किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हैं और यह लक्षण आपके शरीर में देखने को मिल रहे हैं तो तुरंत एड्स की जांच करवानी चाहिए.
डॉ. एके श्रीवास्तव (Dr. AK Srivastava) ने कहा कि एचआईवी वायरस हवा, पानी या भोजन के द्वारा नहीं फैलता है. इसके साथ ही एचआईवी पीड़ित व्यक्ति के साथ उठने-बैठने, हाथ-मिलाने, खाने-पीने से एचआईवी वायरस नहीं फैलता है. इसलिए एचआईवी पीड़ित मरीजों से कभी भी अमानवीय व्यवहार नहीं करना चाहिए. उनके साथ मिलजुल कर रहें. एचआईवी वायरस से बचाव करना ही इसका एकमात्र इलाज है. एचआईवी वायरस के लिए अब तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है. ऐसे में इसके बचाव के लिए ज्यादा दूरी है कि आप अपनी पार्टनर के साथ सुरक्षित संबंध बनाएं. अगर जरूरत पड़ने पर खून की आवश्यकता पड़ रही है तो ऐसे में खून चढ़ाने से पहले उस खून की जांच करवाएं. अस्पताल में अगर इंजेक्शन लगवाने जा रहे हैं तो नीडल जरूर बदलवाएं.
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