ETV Bharat / bharat

तमिलनाडु के इस जगह हिंदू करते हैं मुसलमान की पूजा

author img

By

Published : May 19, 2022, 10:45 PM IST

हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल तो आपने कई सुनी होंगी, लेकिन क्या आपने सुना है कि किसी मुसलमान की मूर्ति को देवता के रूप में हिंदू पूजा करते हैं. जी हां, ऐसा तमिलनाडु के शिवगिरी में हुआ है. इस बारे में विस्तृत रूप से जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

तमिलनाडु
तमिलनाडु

चेन्नई : हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल तो जगह-जगह देखने को मिलती है. क्या आपने सुना है कि एक मुस्लिम शख्स को हिंदू समाज के लोग देवता की तरह पूजते हैं. जी हां, तमिलनाडु के शिवगिरी में रावतर कुमार नामक एक मुसलमान की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चान की जाती है. प्रत्येक तीन साल में एक बार उनकी पूजा धूमधाम से होती है और खास बात तो यह है कि उन्हें प्रसाद के रूप में शराब और फलों का रस और मांसाहार खाद्य चढ़ाया जाता है.

दरअसल, लगभग 500 साल पहले, कन्निवाड़ी क्षेत्र के लोग क्षेत्र में किसी समस्याओं के कारण कन्निवाड़ी से चले गए और इरोड जिले के शिवगिरी के पास कागाम क्षेत्र में बस गए. उस दौरान रावतर कुमार नामक अविवाहित मुसलमान ने वहां आने वाले लोगों को आश्रय दिया और उनकी हरसंभव मदद की. कुछ ही सालों में रावतर कुमार का निधन हो गया. उसके बाद से लोगों ने उनकी मूर्ति स्थापित कर देवता की तरह पूजा करने लगे.

वहाँ के मुख्य गर्भगृह में तीन मूर्तियां हैं. कहा जाता है कि जहां दाईं ओर रावतर और बाईं ओर कुमार की मूर्तियां हैं. यद्यपि मंदिर का नाम रावतर कुमार के नाम के समान है, गर्भगृह में रावतर और कुमार की केवल दो मूर्तियां हैं. देवताओं में, तमिलों के पीठासीन देवता भगवान मुरुगन की भी एक मूर्ति स्थापित है.

चेन्नई : हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल तो जगह-जगह देखने को मिलती है. क्या आपने सुना है कि एक मुस्लिम शख्स को हिंदू समाज के लोग देवता की तरह पूजते हैं. जी हां, तमिलनाडु के शिवगिरी में रावतर कुमार नामक एक मुसलमान की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चान की जाती है. प्रत्येक तीन साल में एक बार उनकी पूजा धूमधाम से होती है और खास बात तो यह है कि उन्हें प्रसाद के रूप में शराब और फलों का रस और मांसाहार खाद्य चढ़ाया जाता है.

दरअसल, लगभग 500 साल पहले, कन्निवाड़ी क्षेत्र के लोग क्षेत्र में किसी समस्याओं के कारण कन्निवाड़ी से चले गए और इरोड जिले के शिवगिरी के पास कागाम क्षेत्र में बस गए. उस दौरान रावतर कुमार नामक अविवाहित मुसलमान ने वहां आने वाले लोगों को आश्रय दिया और उनकी हरसंभव मदद की. कुछ ही सालों में रावतर कुमार का निधन हो गया. उसके बाद से लोगों ने उनकी मूर्ति स्थापित कर देवता की तरह पूजा करने लगे.

वहाँ के मुख्य गर्भगृह में तीन मूर्तियां हैं. कहा जाता है कि जहां दाईं ओर रावतर और बाईं ओर कुमार की मूर्तियां हैं. यद्यपि मंदिर का नाम रावतर कुमार के नाम के समान है, गर्भगृह में रावतर और कुमार की केवल दो मूर्तियां हैं. देवताओं में, तमिलों के पीठासीन देवता भगवान मुरुगन की भी एक मूर्ति स्थापित है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.