सीहोर। मध्यप्रदेश में हनुमान जन्मोत्सव के कार्यक्रम से पहले सीहोर जिले के आष्टा में तनावपूर्ण स्थिति बनने की खबर सामने आई है. आष्टा में हनुमान जन्मोत्सव से एक दिन पहले कन्नौद रोड पर हिन्दू राष्ट्र लिखकर एक भगवा ध्वज रोड के बीच में लगा दिया गया. प्रशासन जब इसे हटाने के लिए मौके पर गया तो उनके सामने हिन्दू संगठन के लोग खड़े हो गए. मामले में पुलिस ने हिंदू संगठन को समझाइश दी है.
हिंदू राष्ट्र का बैनर निकालने पहुंचा प्रशासन: सीहोर जिले की आष्टा तहसील में बुधवार सुबह से ही पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर है, क्योंकि आष्टा से कन्नौद जाने वाले मार्ग के ऊपर हिन्दू राष्ट्र लिखकर एक भगवा बैनर लगा दिया गया था. इसे लगाने के लिए पहले दो घरों की मुंंडेर से रस्सी बांधी गई और फिर एकदम बीच में भगवा बैनर लगा दिया गया. यह बैनर रात में बजरंगदल और हिन्दू उत्सव समिति के कार्यकर्ताओं ने लगाया था. रात में भी पुलिस गश्त पर थी, लेकिन तब तक किसी तरह की रोक टोक इन्होंने नहीं की, लेकिन सुबह अचानक नगर पालिका के कर्मचारी वाहन लेकर इसे उतारने पहुंच गए. यह देखकर आसपास के लोगों ने विरोध किया. फिर देखते ही देखते बजरंग दल व हिन्दू उत्सव समिति के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जमा हो गए.
हिंदू संगठन और प्रशासन के बीच बहस: वहीं हालात तनाव पूर्ण बनते देख नगर पालिका कर्मचारियों ने पुलिस व प्रशासन को सूचना दी. जिसके बाद मौके पर तहसीलदार और आष्टा थाना प्रभारी पहुंच गए. वहीं दूसरी तरफ बजरंग दल प्रमुख कालू सोनी और हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष कालू भट्ट भी आ गए. प्रशासन और इनके बीच काफी देर तक हिन्दू राष्ट्र लिखे बैनर को लेकर बहस होती रही. हिन्दू संगठन के लाेगों का कहना था कि इसमें आपत्तिजनक क्या है? जबकि प्रशासन का तर्क था कि इससे ट्रैफिक बाधित हो सकता है, लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने. आखिरकार प्रशासन समझाइश देकर वापिस लौट गया. मामले में आष्टा एसडीएम आनंद प्रताप सिंह राजावत से बात की तो उन्होंने बताया कि हमें सुबह मौखिक सूचना मिली थी कि बैनर से ट्रैफिक बाधित हो रहा है. इसलिए मौके पर तहसीलदार को भेजा और परीक्षण कराया. चूंकि बैनर से ट्रैफिक बाधित नहीं हो रहा था तो समझाइश दे दी गई है. वहीं हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी भरोसा दिलाया है कि गुरुवार को हनुमान जन्मोत्सव के कार्यक्रम के बाद इस बैनर को उतार लेंगे.
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वर्ष 1987 के बाद से नहीं हुआ कोई तनाव: हिन्दू राष्ट्र बैनर के मामले के बाद भले ही कहा जा रहा है कि आष्टा में तनाव पूर्ण स्थित बन गई है, लेकिन असल में यहां वर्ष 1987 के बाद से कभी कोई विवाद नहीं हुआ है. आष्टा के रहने वाले दिनेश शर्मा बताते हैं कि वर्ष 1970 से 1987 तक काफी तनाव रहा था. इसके बाद से यहां शांति है. यहां की आबादी करीब 1.75 लाख है, जिसमें से 65 फीसदी हिन्दु और 35 फीसदी मुस्लिम आबादी है, लेकिन सभी एक दूसरे के त्यौहार को मिल जुलकर मनाते हैं. बता दें यहां भाजपा का गढ़ माना जाता है. अभी यहां सिटिंग एमएलए रघुनाथ सिंह मालवीय है. दिग्विजय सिंह सरकार के पहले कार्यकाल के बाद से अब तक भाजपा काबिज है. दिग्विजय सिंह की सरकार में जो अजीत सिंह विधायक बने थे, वे भी सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए. इतना ही नहीं आष्टा में नगर पालिका भी अब भाजपा की है, जबकि इसके पहले लगातार कांग्रेस चुनाव जीतती आ रही थी.