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हिंदू अल्पसंख्यक पहचान मामला, केंद्र ने राज्यों के साथ बैठक के लिए और समय मांगा

सुप्रीम कोर्ट में जमा की गई स्थिति रिपोर्ट में अल्पसंख्यक मंत्रालय ने कहा कि नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर समेत कुछ राज्यों की सरकारों से अभी तक टिप्पणियां या विचार प्राप्त नहीं हुए हैं.

identification of religious minorities
हिंदू अल्पसंख्यक पहचान मामला
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Published : Aug 29, 2022, 9:14 PM IST

नई दिल्ली: राज्य स्तर पर हिंदुओं समेत अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की पहचान (listing Hindus as minorities) के मुद्दे पर राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों के साथ बैठकें करने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से और समय मांगा. अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका के जवाब में अदालत में जमा की गई स्थिति रिपोर्ट में अल्पसंख्यक मंत्रालय ने कहा कि नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर समेत कुछ राज्यों की सरकारों से अभी तक टिप्पणियां/विचार प्राप्त नहीं हुए हैं.

मंत्रालय ने कहा, 'इन राज्यों से एक बार फिर उनकी टिप्पणियां/विचार देने का अनुरोध किया गया है. हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की टिप्पणियों का भी इंतजार है. इन राज्यों में इस विषय के व्यापक प्रभाव हो सकते हैं. मंत्रालय ने इस मामले में बाकी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारों के विचार जानने के लिए आने वाले हफ्तों में उनके साथ बैठक करने का प्रस्ताव रखा है.'

मंत्रालय ने कहा, 'उपरोक्त स्थिति के अनुरूप विनम्र अनुरोध है कि यह सम्माननीय न्यायालय कृपया सुनवाई टालने पर विचार करे और अन्य राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ बैठकें करने के लिए और समय दे.' शीर्ष अदालत को मंगलवार को अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करनी है. न्यायालय ने पहले राज्य स्तर पर हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों की पहचान के विषय पर अलग-अलग रुख अपनाने के लिए केंद्र से अप्रसन्नता जाहिर की थी और उसे तीन महीने के अंदर इस विषय पर राज्यों के साथ परामर्श करने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ें- राफेल सौदे की नए सिरे से जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका खारिज

नई दिल्ली: राज्य स्तर पर हिंदुओं समेत अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की पहचान (listing Hindus as minorities) के मुद्दे पर राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों के साथ बैठकें करने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से और समय मांगा. अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका के जवाब में अदालत में जमा की गई स्थिति रिपोर्ट में अल्पसंख्यक मंत्रालय ने कहा कि नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर समेत कुछ राज्यों की सरकारों से अभी तक टिप्पणियां/विचार प्राप्त नहीं हुए हैं.

मंत्रालय ने कहा, 'इन राज्यों से एक बार फिर उनकी टिप्पणियां/विचार देने का अनुरोध किया गया है. हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की टिप्पणियों का भी इंतजार है. इन राज्यों में इस विषय के व्यापक प्रभाव हो सकते हैं. मंत्रालय ने इस मामले में बाकी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारों के विचार जानने के लिए आने वाले हफ्तों में उनके साथ बैठक करने का प्रस्ताव रखा है.'

मंत्रालय ने कहा, 'उपरोक्त स्थिति के अनुरूप विनम्र अनुरोध है कि यह सम्माननीय न्यायालय कृपया सुनवाई टालने पर विचार करे और अन्य राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ बैठकें करने के लिए और समय दे.' शीर्ष अदालत को मंगलवार को अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करनी है. न्यायालय ने पहले राज्य स्तर पर हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों की पहचान के विषय पर अलग-अलग रुख अपनाने के लिए केंद्र से अप्रसन्नता जाहिर की थी और उसे तीन महीने के अंदर इस विषय पर राज्यों के साथ परामर्श करने का निर्देश दिया था.

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