लखनऊ : गोमती नदी के किनारे लक्ष्मण टीला स्थित लॉर्ड शेष नागेश टीलेश्वर महादेव मंदिर व मस्जिद प्रकरण में पूजा किये जाने की अनुमति की मांग को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील दाखिल की है. अपील में निचली अदालत द्वारा पूजा की मांग सम्बंधी वाद पर सुनवाई से इंकार किए जाने को चुनौती देते हुए, पूजा-अर्चना किए जाने की मांग की गई है. न्यायालय ने गुरूवार को अपील पर सुनवाई करते हुए, केंद्र व राज्य सरकार समेत सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने अखिल भारत हिन्दू महासभा व अन्य की ओर से दाखिल अपील पर दिया है. अपीलार्थियों के अधिवक्ता ने बताया कि 'पूजा की मांग को लेकर एक वाद निचली अदालत में दाखिल किया गया था, जिस पर अदालत ने सुनवाई से इंकार कर दिया. निचली अदालत के उक्त आदेश को अपील में चुनौती दी गई है, वहीं उक्त प्रकरण में एक याचिका पहले से विचाराधीन है. उक्त याचिका मौलाना सैयद शाह फजलुल मन्नान की ओर से दाखिल की गई है. याचिका में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) साउथ द्वारा पारित 25 सितंबर 2017 के आदेश को चुनौती दी गई है, उक्त आदेश में सिविल जज ने हिन्दू पक्ष की ओर से दाखिल वाद को खारिज किए जाने के सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था. उक्त आदेश के विरुद्ध दाखिल निगरानी को अपर जिला जज ने भी खारिज कर दिया था.'
मामले में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट के तहत हिन्दू पक्ष की ओर से दाखिल वाद पोषणीय नहीं है', वहीं याचिका का विरोध करते हुए, हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता हरी शंकर जैन ने दलील दी है कि 'उक्त मामले में प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट लागू ही नहीं होता.' कहा गया कि निगरानी अदालत ने भी अपने आदेश में कहा है कि लॉर्ड शेष नागेश टीलेश्वर महादेव की ओर से दाखिल सिविल वाद पोषणीय है तथा निचली अदालत को वाद की सुनवाई करने एवं निर्णय करने का पूर्ण क्षेत्राधिकार प्राप्त है.
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