ओटावा : भारत और कनाडा के बीच गतिरोध जारी है. अलग-अलग मंचों पर भारत और कनाडा एक दूसरे पर एक ही आरोप-प्रत्यारोप दोरहा रहे हैं. इस बीच भारत की ओर से आंतकीवादी घोषित किये जा चुके खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक और वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू फोरम कनाडा (एचएफसी) के वकीलों ने कनाडाई आव्रजन मंत्री से इसकी शिकायत की है. उन्होंने गुरपतवंत सिंह पन्नू के कनाडाई क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
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Hindu Forum Canada’s Lawyer writes to Minister Immigration of Canada Mr. @MarcMillerVM to make Gurpatwant Singh Pannu inadmissible to Canada due to his hateful threats to Canadian Hindus @JustinTrudeau @DLeBlancNB pic.twitter.com/CJvu4Uxzzm
— HinduForumCanada #HFC (@canada_hindu) September 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इस संबंध में हिंदू फोरम कनाडा के वकील ने कनाडा के आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि पन्नू की हालिया टिप्पणियों ने न केवल हिंदू समुदाय के भीतर बल्कि बड़े पैमाने पर कनाडाई नागरिकों के बीच डर का मादौल पैदा कर दिया है.
हिंदू फोरम कनाडा ओंटारियो में स्थित एक गैर-लाभकारी मानवतावादी संगठन है. जो कनाडा में अल्पसंख्यक समूहों की भलाई को बढ़ाने वाली नीतियों की वकालत करता है. हिंदू फोरम कनाडा ने अपने 'एक्स' हैंडल पर कनाडाई आव्रजन मंत्री को लिखा पत्र साझा किया है. एक्स पर डाले गये पोस्ट में फोरम की ओर से कहा गया है कि कनाडाई हिंदुओं के प्रति हेट स्पीच देने के कारण गुरपतवंत सिंह पन्नू को कनाडा में रहने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए.
वकील पीटर थॉर्निंग ने अपने पत्र में लिखा है कि पन्नू ने एक वीडियो ऑनलाइन प्रसारित किया. जिसमें सभी हिंदुओं से कनाडा छोड़ने और 'भारत वापस जाने' को कहा गया है. वकील ने पत्र में लिखा है कि पन्नू ने वीडियो में हिंदुओं पर आरोप लगाया है कि वे उसी देश के खिलाफ काम करते हैं जिससे उन्हें (हिंदुओं को) आर्थिक रूप से फायदा हो रहा है.
पत्र में कहा गया है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से घृणास्पद वीडियो के वितरण ने इन चिंताओं को और बढ़ा दिया है. यह स्थिति बेहद परेशान करने वाली है. कनाडा को अपनी सीमाओं के भीतर एक विशिष्ट समूह के खिलाफ हिंसा भड़काने को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि कनाडा इस तरह के घृणित भाषण को नजरअंदाज न करे, क्योंकि इसका न केवल वयस्कों पर बल्कि स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले हमारे बच्चों पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है.
पत्र में कहा गया है कि इन चर्चाओं से जनता के भीतर तनाव और विभाजन पैदा होने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पत्र में आगे कहा गया है कि अगर पन्नू उस समय कनाडा में होता जब उसने बयान दिया, तो उसकी उचित जांच की जा सकती थी. पत्र में आव्रजन मंत्रालय से यह जांच करने का आग्रह किया कि क्या पन्नू को कनाडा में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है.
वकील ने कहा कि उपरोक्त सभी के आधार पर, हम सम्मानपूर्वक अनुरोध करते हैं कि कनाडा सरकार, आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के माध्यम से यह निर्धारित करने के लिए एक जांच करे कि क्या पन्नू सुरक्षा कारणों से कनाडा में प्रवेश के लिए अयोग्य हैं. भारत-कनाडा संबंधों पर आगे ध्यान देते हुए, थॉर्निंग ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय संबंध हैं जो लोकतंत्र, बहुलवाद और मजबूत पारस्परिक संबंधों की साझा परंपरा पर आधारित हैं.
इससे पहले, इंडियन वर्ल्ड फोरम (आईडब्ल्यूएफ) ने बुधवार को कनाडा में भारतीय प्रवासियों को निशाना बनाने वाली परेशान करने वाली गतिविधियों के लिए सिख फॉर जस्टिस सहित गैरकानूनी संगठनों की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की थी. इस फोरम ने भी कनाडाई सरकार से अर्शदीप सिंह ढल्ला सहित भारत सरकार द्वारा अन्य वांछित और नामित आतंकवादियों पर गंभीरता से कार्रवाई करने का आग्रह किया था.