मेरठः सावन के महीने में कांवड़िए हरिद्वार से कांवड़ में जल लेकर भोले बाबा की दरबार में हाजिरी लगाते हैं. ये कांवड़ सभी भक्तों के आकर्षण का केंद्र होतीं हैं. हर वर्ष नई-नई कांवड़ देखने को मिलती है. ऐसे में मेरठ में एक खास तरह की कांवड़ तैयार की गई है. खास बात यह है कि इसे हिंदू और मुस्लिम कारीगरों ने मिलकर तैयार किया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.
14 जुलाई से कावड़ यात्रा की शुरुआत हो गई है. कावड़िए जल लेकर भोले बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं. कावड़ियों की रंग-बिरंगी सुंदर कावड़ हर किसी के आकर्षण का केंद्र होती है. इसी के चलते मेरठ में हिंदू और मुस्लिम भाइयों ने मिलकर बुलडोजर वाली कावड़ तैयार की है. बांस से तैयार की गई इस कांवड़ को बुलडोर जैसा स्वरूप देने की कोशिश की गई है. बुलडोजर के ठीक बगल में स्वास्तिक चिन्ह लगी एक गागर भी रखी गई है. कई मंजिला इस कावड़ के ठीक नीचे बुलडोजर ऐसे दिखाया गया है मानो कोई कार्रवाई बस होने ही जा रही हो.
कांवड़ बनाने वाला हिंदू कारीगर आकाश ने बताया कि वह हर बार नया प्रयोग करते हैं. इस बार सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जो यादगार रहे, इस वजह से यह कांवड़ तैयार कराई. मुस्लिम कारीगर मोहम्मद शान ने बताया कि बीते साल भी हमने अलग डिजाइन की कांवड़ बनाई थी. वह कांवड़ काफी पसंद की गई थी. इस बार बुलडोजर वाली कांवड़ बनाई है, यह लोगों को काफी पसंद आ रही है.
आपको बता दें कि इस बार मेरठ में कांवड़ यात्रा पूरे जोर-शोर से निकल रही है. बम-बम भोले के उद्घोष के साथ कांवरिए रात-दिन निकल रहे हैं. कांवड़ियों के उत्साह के मद्देनजर मेरठ में खास इंतजाम किए गए हैं. स्कूल कॉलेज भी 19 से 27 जुलाई तक बंद कर दिए गए हैं.
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