ETV Bharat / bharat

अजब शौक! नंगे पांव तपती सड़कों पर 1200 किमी की एडवेंचर यात्रा पर हिमांशु रौथाण

author img

By

Published : May 20, 2022, 6:36 PM IST

रायड़ी गांव के युवा हिमांशु रौथाण ने लेह-लद्दाख तक की पैदल यात्रा करने की ठानी है. उसकी पैदल यात्रा 14 मई से शुरू हो चुकी है. हिमांशु रौथाण की पैदल साहसिक यात्रा पांवटा साहिब तक पहुंच चुकी है.

Himanshu ki paidal yatra
नंगे पांव तपती सड़कों पर 1200 किमी की एडवेंचर यात्रा पर हिमांशु रौथाण

देहरादून: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की बसुकेदार तहसील के रायड़ी गांव निवासी 25 वर्षीय युवा हिमांशु रौथाण ने अपने गांव से लेह लद्दाख तक 1200 किमी की कठिन यात्रा पैदल करने की ठानी है. वह एक ऐसे लक्ष्य को लेकर घर से पैदल निकला है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. पिछली 14 मई से प्रारम्भ हुई उसकी यह साहसिक पैदल यात्रा पांवटा साहिब तक पहुंच चुकी है.

रायड़ी गांव के पूर्व सैनिक बीरपाल सिंह रौथाण के परिवार की इकलौती संतान हिमांशु अपने गांव से दूर लेह लद्दाख तक करीब 1200 किलोमीटर की पैदल साहसिक यात्रा पर निकला है. परिस्थितियां अनुकूल रही तो उसके बाद फिर दूसरी पदयात्रा की तैयारी करेगा. हिमांशु की प्रारंभिक शिक्षा गौरी मेमोरियल इंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि, लैंसडाउन, मुंबई, दिल्ली आदि जगह पर हुई. वह कभी हॉस्टल में रहा, तो कभी घर पर. दिल्ली में रहते हुए मूवी बनाना, फोटोग्राफी, यूट्यूब चैनल आदि शौकिया तौर पर सीखा. पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी की और जब कोविड-19 का खतरनाक दौर आया तो मजबूरन मार्च 2020 में वह दिल्ली से घर लौट आया.

नंगे पांव तपती सड़कों पर 1200 किमी की एडवेंचर यात्रा पर हिमांशु रौथाण.
पढ़ें- केदारनाथ धाम में हो रहा आस्था से खिलवाड़, यूट्यूबर और ब्लॉगर पर लग सकता है बैन, जानें वजह

घर में रहकर उसने खेती के काम में हाथ बंटाया, लेकिन मन नहीं लग पाया. आखिरकार उसे लगा कि उसकी लाइफ घुमक्कड़ी के लिए है और समाज में कुछ अलग करने के लिए ही बनी है. दोस्तों के साथ ही उसके पिता ने भी उसका समर्थन करने के साथ ही मार्गदर्शन भी किया. इससे उसका हौसला बढ़ा और मां-पिता की अनुमति से ही यह कठिन, मगर साहसिक कार्य करने की ठानी और 14 मई की सुबह घर से मां बाप का आशीर्वाद लेकर पैदल ही सफर तय कर श्रीनगर पहुंचा. फिर, देवप्रयाग, ब्यासी, ऋषिकेश, देहरादून होते हुए बृहस्पतिवार को पांवटा साहिब पहुंचा.

पढ़ें- यहां से शुरू होती है चारधाम यात्रा, जानिए 600 साल पुराने सत्यनारायण मंदिर का इतिहास

रायड़ी गांव के अवकाश प्राप्त शिक्षक, कबड्डी एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रौथाण ने हिमांशु को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सिर्फ रायड़ी नहीं, बल्कि रुद्रप्रयाग जनपद और प्रदेश के लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा हिमांशु की सफलता से अन्य युवा भी प्रेरणा लेंगे.

देहरादून: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की बसुकेदार तहसील के रायड़ी गांव निवासी 25 वर्षीय युवा हिमांशु रौथाण ने अपने गांव से लेह लद्दाख तक 1200 किमी की कठिन यात्रा पैदल करने की ठानी है. वह एक ऐसे लक्ष्य को लेकर घर से पैदल निकला है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. पिछली 14 मई से प्रारम्भ हुई उसकी यह साहसिक पैदल यात्रा पांवटा साहिब तक पहुंच चुकी है.

रायड़ी गांव के पूर्व सैनिक बीरपाल सिंह रौथाण के परिवार की इकलौती संतान हिमांशु अपने गांव से दूर लेह लद्दाख तक करीब 1200 किलोमीटर की पैदल साहसिक यात्रा पर निकला है. परिस्थितियां अनुकूल रही तो उसके बाद फिर दूसरी पदयात्रा की तैयारी करेगा. हिमांशु की प्रारंभिक शिक्षा गौरी मेमोरियल इंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि, लैंसडाउन, मुंबई, दिल्ली आदि जगह पर हुई. वह कभी हॉस्टल में रहा, तो कभी घर पर. दिल्ली में रहते हुए मूवी बनाना, फोटोग्राफी, यूट्यूब चैनल आदि शौकिया तौर पर सीखा. पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी की और जब कोविड-19 का खतरनाक दौर आया तो मजबूरन मार्च 2020 में वह दिल्ली से घर लौट आया.

नंगे पांव तपती सड़कों पर 1200 किमी की एडवेंचर यात्रा पर हिमांशु रौथाण.
पढ़ें- केदारनाथ धाम में हो रहा आस्था से खिलवाड़, यूट्यूबर और ब्लॉगर पर लग सकता है बैन, जानें वजह

घर में रहकर उसने खेती के काम में हाथ बंटाया, लेकिन मन नहीं लग पाया. आखिरकार उसे लगा कि उसकी लाइफ घुमक्कड़ी के लिए है और समाज में कुछ अलग करने के लिए ही बनी है. दोस्तों के साथ ही उसके पिता ने भी उसका समर्थन करने के साथ ही मार्गदर्शन भी किया. इससे उसका हौसला बढ़ा और मां-पिता की अनुमति से ही यह कठिन, मगर साहसिक कार्य करने की ठानी और 14 मई की सुबह घर से मां बाप का आशीर्वाद लेकर पैदल ही सफर तय कर श्रीनगर पहुंचा. फिर, देवप्रयाग, ब्यासी, ऋषिकेश, देहरादून होते हुए बृहस्पतिवार को पांवटा साहिब पहुंचा.

पढ़ें- यहां से शुरू होती है चारधाम यात्रा, जानिए 600 साल पुराने सत्यनारायण मंदिर का इतिहास

रायड़ी गांव के अवकाश प्राप्त शिक्षक, कबड्डी एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रौथाण ने हिमांशु को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सिर्फ रायड़ी नहीं, बल्कि रुद्रप्रयाग जनपद और प्रदेश के लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा हिमांशु की सफलता से अन्य युवा भी प्रेरणा लेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.