हमीरपुर/ऊना: ऑपरेशन कावेरी की पहली फ्लाइट से हमीरपुर जिले का युवक सूडान से सकुशल घर लौट आया है. सूडान में फंसे भारतीयों के लिए भारत सरकार के द्वारा चलाया गए ऑपरेशन कावेरी सकुशल घर वापसी हो रही है. जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन कावेरी की पहली फलाइट में हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल के गांव पनसाई के दीपक अग्निहोत्री भी अपने घर पहुंचे हैं.
दीपक अग्निहोत्री ने सूडान में पैदा हुए हालातों व वहां पर हो रही जंग पर अहम जानकारी दी तो ऑपरेशन कावेरी चलाकर भारतीयों की सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए भारत सरकार का भी आभार जताया है. दीपक अग्निहोत्री की पत्नी गर्भवती होने के चलते दस दिन पहले ही सूडान से घर आई है. दीपक अग्निहोत्री ने बताया कि सूडान में हालात बेहद अस्थिर बने हुए हैं और वहां रह रहे अपने नागरिकों सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि हालात ठीक न होने से बमबारी और लड़ाई जारी है. उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को सुबह के समय ऑफिस जाते समय पता चला था कि धरना प्रदर्शन है, लेकिन कुछ समय बाद लड़ाई शुरू हो गई थी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 से सूडान में मोबाइल वर्क के चलते रह रहे थे और अभी जंग होने के चलते आगामी कई महीनों तक हालात सुधरने की उम्मीद नहीं है.
वहीं, दीपक अग्निहोत्री ने बताया कि एंबेसी से बात होती रहती थी और पूरी उम्मीद थी कि भारत सरकार सुरक्षित घर लेकर जाएंगे. उन्होंने बताया कि भारत जाने के लिए पहले बैच में कावेरी ऑपरेशन के तहत अपने देश वापस लौटे हैं. उन्होंने बताया कि सऊदी की सरकार भी सहयोग कर रही है और बाकी फंसे हुए लोगों को भी जल्द वापस लाया जाएगा. दीपक अग्निहोत्री की पत्नी स्वाति भारद्वाज ने बताया कि छह महीने पहले ही सूडान गए थे और दस दिन पहले ही घर लौटे हैं, लेकिन अब कुछ दिनों से सूडान में हालात खराब हुए हैं. उन्होंने भारत सरकार का सूडान में फंसे हुए लोगों को सकुशल घर पहुंचाने पर आभार जताया है.
इसी कड़ी में जिला ऊना के हरोली उपमंडल के बालीवाल गांव के निवासी 33 साल के दयाल सिंह सूडान में सोने की खदान में काम कर रहे थे, लेकिन गृह युद्ध की परिस्थितियों के बीच ऐसे उलझे कि घर वापसी की उम्मीदें खत्म होने लगी. इन परिस्थितियों में सूडान स्थित भारतीय दूतावास की याद आई और संपर्क किया. जिसके चलते केंद्र सरकार के ऑपरेशन कावेरी के तहत एक और युवक को सकुशल घर पहुंचाने का काम सरअंजाम दिया गया. दूसरी तरफ घर पहुंचे दयाल सिंह को देख उसके दोनों बच्चे हतप्रभ रह गए और खुशी से पिता के साथ जाकर चिपक गए. दयाल सिंह की माता इंद्रजीत कौर ने भी बेटे के सकुशल घर वापस लौटने पर खुशी जताई और केंद्र सरकार का ऑपरेशन कावेरी शुरू करने के लिए आभार जताया.
सूडान में गृह युद्ध की परिस्थितियों के बीच फंसे भारतीयों को निकालने का सिलसिला लगातार जारी है. जिला ऊना के उपमंडल अंब का एक युवा रोहित शर्मा शुक्रवार को सूडान से सकुशल घर वापस लौटा था. सूडान से लौटे पहले युवक रोहित शर्मा की ही तरह दयाल सिंह भी बमबारी और गोलीबारी से काफी चिंतित थे. यहां तक कि सूडान में उन्हें खाने तक के भी लाले पड़ गए थे, लेकिन भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को समय रहते संभाला और उनकी हर जरूरत को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें वहां से बाहर निकालने में अहम भूमिका अदा की.
सूडान से सकुशल वापसी करने वाले दयाल सिंह ने बताया कि सूडान में हालात बहुत ही भयानक बने हुए हैं. जहां आसमान से बमबारी हो रही है तो वहीं, जमीन पर गोलियां चल रही हैं. दयाल ने बताया कि गृह युद्ध शुरू होने के बाद से वो रोजाना सिर्फ एक रोटी खाकर ही अपना पेट भर रहे थे. दयाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सूडान में फंसे सभी भारतीयों को वतन वापसी के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं, सरकार के इसी प्रयास के लिए दयाल सिंह ने सरकार की जमकर सराहना भी की है.
वहीं, सूडान से घर वापस लौटे दयाल सिंह की माता इंदरजीत कौर ने केंद्र सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा कि जब तक बेटा सूडान में फंसा था तब तक पूरा परिवार चिंता में था. उन्होंने उम्मीद की है कि सूडान में फंसे प्रत्येक भारतीय को सरकार ऑपरेशन कावेरी के माध्यम से सकुशल वापस घर पहुंचाएगी.
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