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Himachal Mother Milk Bank: हिमाचल में खुलेगा पहला मदर मिल्क बैंक, नवजातों के लिए वरदान साबित होगी स्तनपान प्रबंधन यूनिट - मंडी में हिमाचल का पहला मदर मिल्क बैंक

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के मेडिकल कॉलेज नेरचौक में हिमाचल प्रदेश की पहली स्तनपान प्रबंधन यूनिट खुलने जा रही है. अस्पताल में ब्लड बैंक की तरह मदर मिल्क बैंक बनाया जा रहा है. इससे नवजात बच्चों को मां के दूध से वंचित नहीं रहना पड़ेगा. नवजातों के लिए ये यूनिट वरदान साबित होगी. (Himachal Mother Milk Bank)

Himachal Mother Milk Bank
हिमाचल का पहला मदर मिल्क बैंक
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 27, 2023, 11:10 AM IST

Updated : Sep 27, 2023, 12:10 PM IST

हिमाचल के मेडिकल कॉलेज नेरचौक में खुलेगा पहला मदर मिल्क बैंक

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में प्रदेश की पहली स्तनपान प्रबंधन यूनिट स्थापित होने जा रही है. नवजात बच्चों को अब किसी भी सूरत में मां के दूध से वंचित नहीं रहना पड़ेगा और उन्हें बाजार के दूध से अपना पेट नहीं भरना पड़ेगा. स्तनपान प्रबंधन यूनिट के लिए 30 लाख की मशीनरी पहले ही खरीदी जा चुकी है. जबकि 45 लाख की मशीनरी खरीदने के लिए मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने टेंडर जारी कर दिए हैं.

नवंबर तक शुरू होगी यूनिट: मेडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रिंसिपल डॉ. डीके वर्मा ने बताया कि स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम बदन और 2 स्टाफ नर्सें राजस्थान से स्तनपान प्रबंधन यूनिट के लिए ट्रेनिंग लेकर वापिस लौटे हैं. नवंबर महीने तक इस यूनिट को पूरी तरह से शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए काम भी शुरू किया जा चुका है. इस यूनिट के बनने के बाद किसी भी नवजात को मां के दूध से वंचित नहीं रहना पड़ेगा. इससे शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी, क्योंकि मां के दूध को बच्चों के लिए सर्वोत्तम आहार माना गया है.

Himachal Mother Milk Bank
मंडी में खुला हिमाचल का पहला मदर मिल्क बैंक

ब्लड बैंक की तरह बनेगा मदर मिल्क बैंक: स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम बदन ने बताया कि इस यूनिट के अंतर्गत मां के दूध को इकट्टा करके उसे प्रोसेस किया जाएगा. महिलाएं अपनी इच्छा से अपने दूध का दान कर सकती हैं. इस दूध को 6 महीनों तक स्टोर करने का प्रबंध किया जाएगा. अगर कोई बच्चा आईसीयू में है और उसकी मां उसे स्तनपान नहीं करवा सकती तो उस महिला के दूध को मशीन के जरिए निकालकर उस बच्चे को पिलाया जाएगा.

अनाथ बच्चों के लिए होगी वरदान साबित: इसके अलावा जो दूध बच जाएगा उसे मां की मंजूरी से अस्पताल में स्टोर करके रखा जाएगा. यह दूध उस महिला की मंजूरी मिलने के बाद ही दूसरे बच्चों को पिलाया जाएगा. वहीं, महिला के सभी प्रकार के जरूरी टेस्ट करने के बाद ही बच्चों को ये दूध पिलाया जा सकता है. यह स्तनपान प्रबंधन यूनिट उन बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगी, जिनकी माताएं डिलीवरी के बाद गंभीर बीमारियों के चलते स्तनपान नहीं करवा सकती हैं. इसके अलावा अनाथ बच्चों को भी इस यूनिट के जरिए मां का दूध पिलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि भविष्य में मंडी जिले के अन्य अस्पतालों में भी स्तनपान प्रबंधन यूनिट के केयर सेंटर खोले जाएंगे.

ये भी पढे़ं: Nerchowk Medical College में उड़ रही स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां, शौचालयों में गंदगी का आलम, मरीज परेशान

हिमाचल के मेडिकल कॉलेज नेरचौक में खुलेगा पहला मदर मिल्क बैंक

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में प्रदेश की पहली स्तनपान प्रबंधन यूनिट स्थापित होने जा रही है. नवजात बच्चों को अब किसी भी सूरत में मां के दूध से वंचित नहीं रहना पड़ेगा और उन्हें बाजार के दूध से अपना पेट नहीं भरना पड़ेगा. स्तनपान प्रबंधन यूनिट के लिए 30 लाख की मशीनरी पहले ही खरीदी जा चुकी है. जबकि 45 लाख की मशीनरी खरीदने के लिए मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने टेंडर जारी कर दिए हैं.

नवंबर तक शुरू होगी यूनिट: मेडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रिंसिपल डॉ. डीके वर्मा ने बताया कि स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम बदन और 2 स्टाफ नर्सें राजस्थान से स्तनपान प्रबंधन यूनिट के लिए ट्रेनिंग लेकर वापिस लौटे हैं. नवंबर महीने तक इस यूनिट को पूरी तरह से शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए काम भी शुरू किया जा चुका है. इस यूनिट के बनने के बाद किसी भी नवजात को मां के दूध से वंचित नहीं रहना पड़ेगा. इससे शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी, क्योंकि मां के दूध को बच्चों के लिए सर्वोत्तम आहार माना गया है.

Himachal Mother Milk Bank
मंडी में खुला हिमाचल का पहला मदर मिल्क बैंक

ब्लड बैंक की तरह बनेगा मदर मिल्क बैंक: स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम बदन ने बताया कि इस यूनिट के अंतर्गत मां के दूध को इकट्टा करके उसे प्रोसेस किया जाएगा. महिलाएं अपनी इच्छा से अपने दूध का दान कर सकती हैं. इस दूध को 6 महीनों तक स्टोर करने का प्रबंध किया जाएगा. अगर कोई बच्चा आईसीयू में है और उसकी मां उसे स्तनपान नहीं करवा सकती तो उस महिला के दूध को मशीन के जरिए निकालकर उस बच्चे को पिलाया जाएगा.

अनाथ बच्चों के लिए होगी वरदान साबित: इसके अलावा जो दूध बच जाएगा उसे मां की मंजूरी से अस्पताल में स्टोर करके रखा जाएगा. यह दूध उस महिला की मंजूरी मिलने के बाद ही दूसरे बच्चों को पिलाया जाएगा. वहीं, महिला के सभी प्रकार के जरूरी टेस्ट करने के बाद ही बच्चों को ये दूध पिलाया जा सकता है. यह स्तनपान प्रबंधन यूनिट उन बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगी, जिनकी माताएं डिलीवरी के बाद गंभीर बीमारियों के चलते स्तनपान नहीं करवा सकती हैं. इसके अलावा अनाथ बच्चों को भी इस यूनिट के जरिए मां का दूध पिलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि भविष्य में मंडी जिले के अन्य अस्पतालों में भी स्तनपान प्रबंधन यूनिट के केयर सेंटर खोले जाएंगे.

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Last Updated : Sep 27, 2023, 12:10 PM IST
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