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पंजाब में करंट से मौत होने पर पावरकॉम को देना होगा मुआवजा: हाईकोर्ट

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2023, 6:53 PM IST

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि करंट से मौत के मामले में बिजली विभाग को मुआवजा देना होगा. कोर्ट ने कहा कि पावरकॉम या उनके कर्मचारियों की लापरवाही के कारण किसी की जान जाती है तो पीड़ित परिवार को मुआवजा देना होगा. High Court order to Powercom, compensation in electrocution death in Punjab.

Punjab Haryana High Court
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट

चंडीगढ़: पंजाब में आए दिन कोई न कोई ऐसा मामला सामने आता रहता है जिसमें करंट लगने से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. ऐसे में कोई भी पीड़ित परिवार की मदद को आगे नहीं आता है, न ही पावरकॉम इसकी जिम्मेदारी लेता है. अब पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब बिजली विभाग को आदेश जारी किए हैं कि अगर बिजली के करंट से किसी की मौत होती है तो मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए.

मुआवजा घटना के करीब 30 दिन के भीतर देना होता है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि यह नियम तभी लागू होगा जब इस घटना में बिजली विभाग की लापरवाही सामने आए.

लंबित मुआवजा याचिकाओं का निपटारा: दरअसल, पिछले कुछ दिनों में जालंधर में करंट से मौतों की संख्या बढ़ गई है. इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस नीति के तहत हाई कोर्ट में लंबित मुआवजा याचिकाओं का निपटारा किया जाए. पंजाब सरकार ने जवाब के लिए हाईकोर्ट से कुछ समय मांगा है. इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी.

आपको बता दें कि पिछले 30 दिनों में जालंधर में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें करंट लगने से लोगों की मौत हो गई है. हालांकि, पावरकॉम ने कहा कि इन घटनाओं में पावरकॉम की कोई गलती नहीं है.

कर्मचारियों समेत आम लोगों को भी मिलेगा मुआवजा: बिजली का झटका लगने पर मुआवजे को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित थीं और हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और पीएसपीसीएल को मुआवजे के लिए नीति बनाने का आदेश दिया था. बता दें कि सरकारी वकील तेज शर्मा ने पंजाब के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की थी, जिसमें बहस के बाद सरकारी कर्मचारियों, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ-साथ लोगों के लिए मुआवजा राशि तय करने के आदेश दिए गए थे.

देना होगा मुआवजा: मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पावरकॉम या उनके कर्मचारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है तो उस मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजा देना होगा. साथ ही अगर बिजली विभाग की लापरवाही से कोई आम व्यक्ति करंट की चपेट में आकर मर जाता है या घायल हो जाता है तो कर्मकार मुआवजा अधिनियम (Workmens Compensation Act) के तहत मुआवजा जारी किया जाएगा. मुआवजे की रकम मृतक की उम्र और उसकी आय के हिसाब से तय की जाएगी.

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चंडीगढ़: पंजाब में आए दिन कोई न कोई ऐसा मामला सामने आता रहता है जिसमें करंट लगने से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. ऐसे में कोई भी पीड़ित परिवार की मदद को आगे नहीं आता है, न ही पावरकॉम इसकी जिम्मेदारी लेता है. अब पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब बिजली विभाग को आदेश जारी किए हैं कि अगर बिजली के करंट से किसी की मौत होती है तो मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए.

मुआवजा घटना के करीब 30 दिन के भीतर देना होता है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि यह नियम तभी लागू होगा जब इस घटना में बिजली विभाग की लापरवाही सामने आए.

लंबित मुआवजा याचिकाओं का निपटारा: दरअसल, पिछले कुछ दिनों में जालंधर में करंट से मौतों की संख्या बढ़ गई है. इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस नीति के तहत हाई कोर्ट में लंबित मुआवजा याचिकाओं का निपटारा किया जाए. पंजाब सरकार ने जवाब के लिए हाईकोर्ट से कुछ समय मांगा है. इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी.

आपको बता दें कि पिछले 30 दिनों में जालंधर में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें करंट लगने से लोगों की मौत हो गई है. हालांकि, पावरकॉम ने कहा कि इन घटनाओं में पावरकॉम की कोई गलती नहीं है.

कर्मचारियों समेत आम लोगों को भी मिलेगा मुआवजा: बिजली का झटका लगने पर मुआवजे को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित थीं और हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और पीएसपीसीएल को मुआवजे के लिए नीति बनाने का आदेश दिया था. बता दें कि सरकारी वकील तेज शर्मा ने पंजाब के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की थी, जिसमें बहस के बाद सरकारी कर्मचारियों, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ-साथ लोगों के लिए मुआवजा राशि तय करने के आदेश दिए गए थे.

देना होगा मुआवजा: मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पावरकॉम या उनके कर्मचारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है तो उस मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजा देना होगा. साथ ही अगर बिजली विभाग की लापरवाही से कोई आम व्यक्ति करंट की चपेट में आकर मर जाता है या घायल हो जाता है तो कर्मकार मुआवजा अधिनियम (Workmens Compensation Act) के तहत मुआवजा जारी किया जाएगा. मुआवजे की रकम मृतक की उम्र और उसकी आय के हिसाब से तय की जाएगी.

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