नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कितने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कस्टम क्लियरेंस के लिए पड़े हुए हैं. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कमी की वजह से लोगों की जान नहीं जानी चाहिए.
मैक्स अस्पताल के तीन हजार कंसंट्रेटर कस्टम के पास
दरअसल, सुनवाई के दौरान मैक्स अस्पताल की ओर से वकील कृष्णन वेणुगोपाल ने हाई कोर्ट से कहा कि अस्पताल के तीन हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कस्टम क्लियरेंस के लिए पड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, टैंकर्स इत्यादि के लिए फंड का गठन करती तो वे व्यक्तिगत रूप से कई लोगों से फंड दिलाने की कोशिश करेंगे. तब दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष पहले से मौजूद है. हम उसके खाता नंबर का प्रचार-प्रसार करेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष का डोनेशन लिंक मौजूद है. तब वेणुगोपाल ने कहा कि वो काम नहीं कर रहा है.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की वजह से जान जाते नहीं देख सकते
कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि कस्टम क्लियरेंस के लिए कितने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पड़े हुए हैं. तब केंद्र की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा कि ये संख्या बदलती रहती है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि आदेश के मुताबिक, तीन घंटे के भीतर कस्टम क्लियरेंस हो जाए. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या पहले से कुछ उपकरण कस्टम क्लियरेंस के लिए हैं. तब महाजन ने कहा कि हम ऐसा नहीं कह सकते हैं क्योंकि एक घंटे बाद कुछ भी पेंडिंग नहीं रहेगा. इस पर कोर्ट ने असंतोष जताया. तब वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार को अस्पतालों को प्राथमिकता देनी चाहिए. तब कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि अभी तक कितने कस्टम क्लियरेंस हुई हैं. तब महाजन ने कहा कि 48 हजार. इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या होता अगर 48 लाख उपकरण आए होते. तब महाजन ने कहा कि हम पता लगाते हैं. इस पर कोर्ट ने साफ कहा कि हम इनकी वजह से जानें जाते हुए नहीं देख सकते हैं.
कोई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कस्टम क्लियरेंस में नहीं अटका : सीबीआईसी
इस बारे में केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क (सीबीआईसी) ने कहा है कि जैसा कि मीडिया रिपोर्टों में तीन हजार हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कस्टम क्लियरेंस के पड़े होने की बात कही गई है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. सीबीआईसी ने कहा कि यदि इससे संबंधित किसी के पास फोटोग्राफ या इससे जुड़ी जानकारी हो तो वह साझा कर सकता है जिस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.