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आसाराम के प्रार्थना पत्र को राजस्थान हाईकोर्ट ने मंजूरी दी

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Published : Feb 11, 2022, 7:49 AM IST

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने यौन दुराचार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के प्रार्थना पत्र को मंजूर (High Court accepts Asaram appeal) कर लिया है. कोर्ट ने तत्कालीन डीसीपी अजयपाल लांबा को अपीलीय स्तर पर साक्ष्य के लिए बुलाने की अनुमति दी है.

high court accepts asaram appeal
आसाराम के प्रार्थना पत्र को राजस्थान हाईकोर्ट ने मंजूरी दी

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से पेश किये गये प्रार्थना पत्र को मंजूर (High Court accepts Asaram appeal) कर लिया है. कोर्ट ने तत्कालीन डीसीपी अजयपाल लाम्बा को अपीलीय स्तर पर साक्ष्य के लिए बुलाने की अनुमति दी है.

वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने आसाराम के अधिवक्ता की ओर से पेश प्रार्थना पत्र सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था. इस मामले में हाईकोर्ट ने गुरूवार को प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए तत्कालीन डीसीपी अजय पाल लाम्बा को अपीलीय स्तर पर साक्ष्य के लिए पेश होने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने 07 मार्च 2022 को तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को व्यक्तिगत रूप से पुस्तक के साथ साक्ष्य के पेश होने के निर्देश दिए हैं. वहीं एक बार फिर आसाराम भी वीसी के जरिये कोर्ट कारवाई में सम्मिलित होंगे. कोर्ट ने राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी को निर्देश दिए हैं कि वो तीन दिन में तत्कालीन डीसीपी लाम्बा (वर्तमान में कहां पोस्टेड हैं) की जानकारी रजिस्ट्री को देने को कहा है.

तत्कालीन डीसीपी लाम्बा ने आसाराम को लेकर एक पुस्तक लिखी थी. जो कि गनिंग फोर द गॉडमैन, विद ट्रयू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापू कन्विक्शन थी. कोर्ट ने रजिस्ट्ररी को निर्देश दिए हैं कि राजकीय अधिवक्ता से एड्रेस लेकर तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को 07 मार्च को पुस्तक की एक कॉपी के साथ पेश होने के लिए कहा है. गौरतलब है कि आसाराम को ट्रायल कोर्ट की ओर से आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिए गए थे.

यह भी पढ़ें- भरतपुर यौन दुराचार मामले में जज और एसीबी के सीओ निलंबित

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से पेश किये गये प्रार्थना पत्र को मंजूर (High Court accepts Asaram appeal) कर लिया है. कोर्ट ने तत्कालीन डीसीपी अजयपाल लाम्बा को अपीलीय स्तर पर साक्ष्य के लिए बुलाने की अनुमति दी है.

वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने आसाराम के अधिवक्ता की ओर से पेश प्रार्थना पत्र सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था. इस मामले में हाईकोर्ट ने गुरूवार को प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए तत्कालीन डीसीपी अजय पाल लाम्बा को अपीलीय स्तर पर साक्ष्य के लिए पेश होने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने 07 मार्च 2022 को तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को व्यक्तिगत रूप से पुस्तक के साथ साक्ष्य के पेश होने के निर्देश दिए हैं. वहीं एक बार फिर आसाराम भी वीसी के जरिये कोर्ट कारवाई में सम्मिलित होंगे. कोर्ट ने राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी को निर्देश दिए हैं कि वो तीन दिन में तत्कालीन डीसीपी लाम्बा (वर्तमान में कहां पोस्टेड हैं) की जानकारी रजिस्ट्री को देने को कहा है.

तत्कालीन डीसीपी लाम्बा ने आसाराम को लेकर एक पुस्तक लिखी थी. जो कि गनिंग फोर द गॉडमैन, विद ट्रयू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापू कन्विक्शन थी. कोर्ट ने रजिस्ट्ररी को निर्देश दिए हैं कि राजकीय अधिवक्ता से एड्रेस लेकर तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को 07 मार्च को पुस्तक की एक कॉपी के साथ पेश होने के लिए कहा है. गौरतलब है कि आसाराम को ट्रायल कोर्ट की ओर से आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिए गए थे.

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