गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur of UP) शहर में चलते- फिरते अगर आप किसी परेशानी में आ जाएं और मौके पर आपका फोन काम न करें तो घबराइएगा मत. चौराहे पर जाकर हेलो बॉक्स के बारे में पता करिए और तुरंत इस पर जाकर अपनी समस्या बता दीजिए. इसके बाद आपको मदद भी मिलेगी. गोरखपुर के 21 चौराहों पर इमरजेंसी कॉल सेंटर हेलो बॉक्स की स्थापना की गई है. इससे न केवल मनचलों पर नकेल कसेगी बल्कि अतिक्रमण के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई जा सकेगी. यह ट्रैफिक में भी सुधार करेगा.
यह हेलो बॉक्स नगर निगम के नए भवन में बनाए गए हैं. यह आईटीएमएस सेंटर से सीधे जुड़ा हुआ है. यहां से इसकी मॉनिटरिंग होती है और पीड़ित को हर संभव मदद पहुंचाई जाती है. यही नहीं चौराहों पर बेतरतीब खड़े वाहनों से लगने वाले जाम और लूटपाट कर भागने वाले भी हेलो बॉक्स और कैमरे की नजर में आ जाते हैं. आईटीएमएस यानी कि इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत हेलो बॉक्स 21 चौराहों पर स्थापित किए गए हैं.
पीड़ित इस बॉक्स के करीब पहुंचकर इसमें लगे बटन को दबाकर जैसे ही हेलो बोलेगा उसकी आवाज कंट्रोल रूम में बैठी महिला एवं अन्य सिपाही तत्काल सुन लेंगे. समस्या बताने पर तुरंत यहां से मदद उपलब्ध कराई जाएगी. घायल के लिए एंबुलेंस की भी व्यवस्था तुरंत होगी. हेलो बॉक्स से मिली सूचना के आधार पर कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी तत्काल 112 नंबर पर फोन कर पीड़ित को मदद पहुंचाने का संदेश देंगे.
अगर कुछ शरारती तत्व भी इसका दुरुपयोग करते हैं या कंट्रोलरूम में बैठे हुए लोगों को परेशान करते हैं तो वह भी कैमरे की नजर में कैद हो जाएंगे. इसके अलावा शहर में लगने वाले जाम की वजहों को भी यहां से दूर कर दिया जाएगा. कंट्रोल रूम में बैठे सिपाही हर चौराहे की निगरानी कर रहे हैं. जैसे ही चौराहे पर कोई अतिक्रमण उन्हें नजर आता है वह पब्लिक एड्रेस सिस्टम से उसे हटवाने के लिए कहते हैं. न मानने वालों के खिलाफ चालान और विधिक कार्य़वाही का प्रावधान है.
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इस बारे में ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि लोगों को लगातार जागरूक करते रहना, शहर में लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाना और घर से निकलने वाली बहू- बेटियों को छेड़खानी, चैन स्नैचिंग, लूटपाट अन्य किसी भी तरह की घटना से बचाने के लिए हेलो बॉक्स बेहद मददगार है. अभी तक दर्जनभर ऐसे मामले सुलझाए जा चुके हैं. एक महिला के छीने गए बैग को भी वापस कराया जा चुका है. चोरी गई गाड़ियों को भी इसके माध्यम से बरामद करने में सफलता मिली है.