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बंगाल में भारी बारिश से जनजीवन बेहाल, मुख्य सड़कों पर जलभराव

पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है जिससे कोलकाता के कई हिस्सों में जलभराव हो गया है. मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक अधिक बारिश की संभावना जताई है.

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Published : Jun 17, 2021, 5:58 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है जबकि भारी बारिश से राजधानी कोलकाता के कई निचले इलाकों और सड़कों पर पानी भर गया. मौसम विभाग ने जोरदार दक्षिण-पश्चिम मानसून और एक चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के कारण अगले तीन दिनों में और अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है.

मौसम विभाग के अनुसार, कोलकाता में सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे में 144 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

महानगर के दक्षिणी हिस्सों में उत्तरी हिस्से की तुलना में अधिक वर्षा हुई, जिससे बालीगंज, सर्कुलर रोड, लाउडन स्ट्रीट, सदर्न एवेन्यू की सड़कों और गलियों तथा कस्बा, बेहाला और टॉलीगंज के कई स्थानों पर जलभराव हो गया.

राज्य सरकार ने महानगर और अन्य जगहों में कोविड-19 प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी है, ऐसे में लोगों को अपने काम पर जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लोगों को घुटने भर गहरे पानी से गुजरना पड़ा.

कुछ क्षेत्रों में यातायात बाधित हो गया क्योंकि वाहन जलजमाव के चलते धीरे-धीरे चल रहे थे.

मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में 24 घंटे की अवधि के दौरान 178.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक है जबकि बांकुड़ा में 133.2 मिमी बारिश हुई.

उत्तर बंगाल के कुछ स्थानों पर भी मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई.

दार्जिलिंग में 70 मिमी से अधिक बारिश हुई.

पढ़ें :- नेपाल में बाढ़, तीन भारतीय समेत 20 से ज्यादा लोग लापता

वहीं, झारखंड में लगातार हुई भारी बारिश के कारण दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के दो बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर बैराज से बृहस्पतिवार सुबह तक 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

इसके अलावा पड़ोसी राज्य के पंचेत और मैथन बांधों से भी 15,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अधिकारियों के मुताबिक डीवीसी के पंचेत बांध से 9,000 क्यूसेक और मैथन बांध से 6,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण दुर्गापुर बैराज में पानी का स्तर बढ़ गया. अधिकारियों ने कहा कि पानी का स्तर बढ़ जाने के कारण दुर्गापुर बैराज से 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. अब तक बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं हैं.

दुर्गापुर बैराज से यदि और अधिक पानी छोड़ा गया तो पश्चिम बर्दवान जिले में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं. बैराज में पानी का स्तर 211.5 फुट हो गया है जो उसकी अधिकतम सीमा है. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर बंगाल में भारी बारिश के कारण तीस्ता बैराज से 77,365 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.

मौसम विज्ञानी ने बताया कि अगले तीन दिनों में बंगाल के लगभग सभी जिलों में मध्यम बारिश होने का अनुमान है क्योंकि दक्षिण पश्चिम मानसून पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र में जोरदार रूप ले चुका है और इस क्षेत्र में एक चक्रवाती परिसंचरण बना है.

मौसम विभाग ने शनिवार तक कोलकाता में गरज के साथ बारिश और आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान जताया है.

(पीटीाई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है जबकि भारी बारिश से राजधानी कोलकाता के कई निचले इलाकों और सड़कों पर पानी भर गया. मौसम विभाग ने जोरदार दक्षिण-पश्चिम मानसून और एक चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के कारण अगले तीन दिनों में और अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है.

मौसम विभाग के अनुसार, कोलकाता में सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे में 144 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

महानगर के दक्षिणी हिस्सों में उत्तरी हिस्से की तुलना में अधिक वर्षा हुई, जिससे बालीगंज, सर्कुलर रोड, लाउडन स्ट्रीट, सदर्न एवेन्यू की सड़कों और गलियों तथा कस्बा, बेहाला और टॉलीगंज के कई स्थानों पर जलभराव हो गया.

राज्य सरकार ने महानगर और अन्य जगहों में कोविड-19 प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी है, ऐसे में लोगों को अपने काम पर जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लोगों को घुटने भर गहरे पानी से गुजरना पड़ा.

कुछ क्षेत्रों में यातायात बाधित हो गया क्योंकि वाहन जलजमाव के चलते धीरे-धीरे चल रहे थे.

मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में 24 घंटे की अवधि के दौरान 178.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक है जबकि बांकुड़ा में 133.2 मिमी बारिश हुई.

उत्तर बंगाल के कुछ स्थानों पर भी मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई.

दार्जिलिंग में 70 मिमी से अधिक बारिश हुई.

पढ़ें :- नेपाल में बाढ़, तीन भारतीय समेत 20 से ज्यादा लोग लापता

वहीं, झारखंड में लगातार हुई भारी बारिश के कारण दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के दो बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर बैराज से बृहस्पतिवार सुबह तक 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

इसके अलावा पड़ोसी राज्य के पंचेत और मैथन बांधों से भी 15,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अधिकारियों के मुताबिक डीवीसी के पंचेत बांध से 9,000 क्यूसेक और मैथन बांध से 6,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण दुर्गापुर बैराज में पानी का स्तर बढ़ गया. अधिकारियों ने कहा कि पानी का स्तर बढ़ जाने के कारण दुर्गापुर बैराज से 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. अब तक बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं हैं.

दुर्गापुर बैराज से यदि और अधिक पानी छोड़ा गया तो पश्चिम बर्दवान जिले में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं. बैराज में पानी का स्तर 211.5 फुट हो गया है जो उसकी अधिकतम सीमा है. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर बंगाल में भारी बारिश के कारण तीस्ता बैराज से 77,365 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.

मौसम विज्ञानी ने बताया कि अगले तीन दिनों में बंगाल के लगभग सभी जिलों में मध्यम बारिश होने का अनुमान है क्योंकि दक्षिण पश्चिम मानसून पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र में जोरदार रूप ले चुका है और इस क्षेत्र में एक चक्रवाती परिसंचरण बना है.

मौसम विभाग ने शनिवार तक कोलकाता में गरज के साथ बारिश और आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान जताया है.

(पीटीाई-भाषा)

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