उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश हो रही है. शिप्रा नदी का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. रामघाट के मंदिर जलमग्न हो गए हैं. वहीं तर्पण कराने वालों को भी अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है . बढ़ते जलस्तर के बीच पंड़ितों को जहां जगह मिल रही है वहीं अपने जजमानों को बिठाकर तर्पण करवा रहे हैं.
मां शिप्रा के तट पर तर्पण कराने महत्व: मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है. प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं. सभी प्रमुख नादियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. उज्जैन में शिप्रा नदी को मोक्षदायिनी के रूप में जाना जाता है. यहां भगवान राम ने राजा दशरथ का तर्पण कराया था. रामघाट के सभी मंदिर बारिश के चलते जलस्तर बढ़ने से डूबने लगे हैं. जिसके कारण घाटों पर बैठकर तर्पण कराने वालों के लिए समस्या पैदा हो गई है. वहीं एक तरफ जलस्तर बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ श्रद्धालु बैठकर पितरों का तर्पण करा रहे हैं.
उज्जैन में अब तक 15 इंच बारिश: उज्जैन और आसपास के इलाकों में अब तक 15 इंच के आसपास बारिश हो चुकी है. शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ ने के चलते स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को जान जोखिम में डालकर घाटों से पानी के अंदर चलकर आना पड़ रहा है. कहीं कहीं तो तर्पण करने के लिए भी जगह नहीं बची है. जिससे श्रद्धालुओं को भी बढ़ते हुए जल स्तर के बीच में तर्पण करना पड़ रहा है.
छोटा पुल भी डूब गया: राम घाट पर छोटे बड़े सभी मंदिर पानी का स्तर बढ़ने से दुबे और बड़नगर को जोड़ने वाला छोटा पुल भी डूब गया है. प्रशासन ने निचली बस्ती में रहने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि यदि शिप्रा का जलस्तर लगातार बढ़ता है तो नगर निगम कंट्रोल रूम पर फोन लगाकर सूचना दें. वही छोटे पुल का जलस्तर बढ़ने के बाद लोग अपनी जान की परवाह किए बिना पुलिया को पार कर रहे हैं. कई लोग ऐसे हैं जो पैदल पुलिया को पार करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में प्रशासन का कोई भी कर्मचारी इन्हें रोकने वाला नहीं है
(Heavy rain in Ujjain) (Shipra river water level Rises) (Devotees are facing problems in offering Tarpan)