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Himachal Monsoon: हिमाचल में इस बार मानसून ने मचाई ज्यादा तबाही, पिछले 5 सालों के कुल नुकसान से 1873 करोड़ अधिक संपत्ति बर्बाद

हिमाचल में इस बार मानसून अपने साथ आपदा लेकर आई. मानसून सीजन की शुरुआत से लेकर अब तक भारी बारिश और बाढ़ ने प्रदेश में भयंकर तबाही मचाई है. इस साल मानसून सीजन में हुए नुकसान का आंकड़ा देखें तो पिछले 5 सालों में हुए कुल नुकसान से करीब 2 हजार करोड़ अधिक है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal Monsoon) (Heavy Loss in Himachal during monsoon)

Himachal Monsoon
मानसून सीजन में हिमाचल को हुए नुकसान का आंकड़ा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2023, 4:16 PM IST

शिमला: मानसून हर बार प्रदेश को गहरे जख्म देता रहा है. हर साल मानसून सीजन में प्रदेश में करोड़ों की संपत्ति और जानमाल को नुकसान होता है, लेकिन इस बार मानसून सीजन में आसमान से बरसती आफत ने इतना नुकसान पहुंचाया है, जो पिछले 5 सालों में कुल हुए नुकसान से भी करीब दो हजार करोड़ रुपए अधिक है. प्रदेश में बीते पांच सालों में करीब 6,784 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. जबकि इस साल अब तक 8,657 करोड़ से अधिक की क्षति प्रदेश में हो चुकी है.

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश आपदा बनकर बरसी है. हजारों सड़कें-पुल, जल परियोजनाएं, बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं. निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है. चारों तरह नुकसान की भयावह मंजर देखने को मिला. हजारों आशियाने और गौशालाएं तबाह हो गईं. यही नहीं सैकड़ों लोगों की मौतें भी भारी बरसात और लैंडस्लाइड की वजह से हुई है. वहीं, कई हादसों में पूरे के पूरे परिवार की मौत हो गई.

5 सालों के मुकाबले 1873 करोड़ ज्यादा नुकसान: प्रदेश में इस बार किस तरह आपदा का कहर बरसा है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बार मानसून में हुआ नुकसान पिछले पांच सालों के कुल नुकसान को भी पार गया. जितना नुकसान बीते पांच सालों में हुआ, उससे 1873 करोड़ का अधिक नुकसान इस बार ज्यादा हुआ है. पांच सालों में प्रदेश में 6,784 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. जबकि इस साल अब तक 8,657 करोड़ से पार नुकसान का आंकड़ा पहुंचा है.

पिछले 5 सालों में हिमाचल को नुकसान: हिमाचल में साल 2018 में बरसात के सीजन में जून से अगस्त तक 343 लोग मारे गए. वहीं, इस सीजन में 1,285 पशुधन काल का ग्रास बन गए. इसके अलावा 5,160 मकान क्षतिग्रस्त हुए, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग व बिजली बोर्ड के 1520 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. कुल नुकसान का आकलन 1578 करोड़ किया गया था. इसी तरह वर्ष 2019 में 218 लोगों की जान गई, 568 पशुओं की मौत हुई, 3031 मकान क्षतिग्रस्त हुए और 1202 करोड़ रुपए का कुल नुकसान हुआ. वर्ष 2020 में 240 लोगों की मौत के साथ 181 पशु मारे गए. कुल 1346 मकान ध्वस्त हुए और संपत्ति का कुल नुकसान 873 करोड़ रुपए था. वर्ष 2021 में सबसे अधिक 476 लोगों की मौत हुई. पशुधन के रूप में 586 पशु मारे गए. तब 1976 मकानों को नुकसान के अलावा कुल संपत्ति का नुकसान 1151 करोड़ रुपए रहा. इसी तरह वर्ष 2022 में कुल संपत्ति का नुकसान पांच साल में सबसे अधिक आंका गया. कुल 1981 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान संपत्तियों को हुआ. मानसून सीजन में मरने वालों की संख्या 284 रही. कुल 589 पशु मारे गए 990 मकान क्षतिग्रस्त भी हुए.

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मानसून सीजन में हिमाचल को हुए नुकसान का आंकड़ा

पानी, सड़क, बिजली सहित सरकारी संपत्ति को भारी क्षति: अबकी बार मानसून सीजन के अतिम दौर में बारिश थम गई है. जिससे नुकसान का आंकड़ा भी थमने लगा है, बीते एक माह में नुकसान कम हुआ है, लेकिन इससे पहले तक भारी क्षति हुई है. सरकारी व नजी संपत्तियों के साथ-साथ भारी जानी नुकसान भी हुआ है. सड़कों और पुलों को इस सीजन में 2932 करोड़ का नुकसान हुआ है. 2118 करोड़ की पानी को योजनाएं भी धवस्त हो गईं. बिजली की लाइनों और परियोजनाओं को करीब 1740 करोड़ की क्षति हुई है. 357 करोड़ की कृषि की फसलें तबाह गईं. जबकि 173 करोड़ की फल भी तबाह हो गए. इसके अलावा स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों सहित अन्य सरकारी भवनों को भारी नुकसान हुआ.

इस मानसून सीजन में 13 हजार से ज्यादा मकान ढहे: यही नहीं अबकी बार के मानसून सीजन में रिहायशी व गैर रिहाय़शी मकानों को भी भारी क्षति पहुची है. बीते पांच सालों में देखें तो इस बार सबसे ज्यादा 13326 करोड़ के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इससे पहले 2018 में सबसे ज्यादा 5160 मकान तबाह हुए थे, मगर उसके मुकाबले इस साल दुगने से भी ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए. इसी तरह इस साल करीब 5607 गौशालाएं ढह गईं. मानसून की सीजन में भारी जानी नुकसान भी हुआ है. इस बार 391 लोगों का जानें भी गईं. यही नहीं प्रदेश में पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. करीब 6390 पशुओं की मौत भी अबकी बार हुई है.

ये भी पढ़ें: Himachal Disaster: हिमाचल में बरसात के जख्म! मानसून से 8,649 करोड़ का नुकसान, अब तक 382 की मौत, हजारों आशियाने उजड़े

शिमला: मानसून हर बार प्रदेश को गहरे जख्म देता रहा है. हर साल मानसून सीजन में प्रदेश में करोड़ों की संपत्ति और जानमाल को नुकसान होता है, लेकिन इस बार मानसून सीजन में आसमान से बरसती आफत ने इतना नुकसान पहुंचाया है, जो पिछले 5 सालों में कुल हुए नुकसान से भी करीब दो हजार करोड़ रुपए अधिक है. प्रदेश में बीते पांच सालों में करीब 6,784 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. जबकि इस साल अब तक 8,657 करोड़ से अधिक की क्षति प्रदेश में हो चुकी है.

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश आपदा बनकर बरसी है. हजारों सड़कें-पुल, जल परियोजनाएं, बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं. निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है. चारों तरह नुकसान की भयावह मंजर देखने को मिला. हजारों आशियाने और गौशालाएं तबाह हो गईं. यही नहीं सैकड़ों लोगों की मौतें भी भारी बरसात और लैंडस्लाइड की वजह से हुई है. वहीं, कई हादसों में पूरे के पूरे परिवार की मौत हो गई.

5 सालों के मुकाबले 1873 करोड़ ज्यादा नुकसान: प्रदेश में इस बार किस तरह आपदा का कहर बरसा है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बार मानसून में हुआ नुकसान पिछले पांच सालों के कुल नुकसान को भी पार गया. जितना नुकसान बीते पांच सालों में हुआ, उससे 1873 करोड़ का अधिक नुकसान इस बार ज्यादा हुआ है. पांच सालों में प्रदेश में 6,784 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. जबकि इस साल अब तक 8,657 करोड़ से पार नुकसान का आंकड़ा पहुंचा है.

पिछले 5 सालों में हिमाचल को नुकसान: हिमाचल में साल 2018 में बरसात के सीजन में जून से अगस्त तक 343 लोग मारे गए. वहीं, इस सीजन में 1,285 पशुधन काल का ग्रास बन गए. इसके अलावा 5,160 मकान क्षतिग्रस्त हुए, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग व बिजली बोर्ड के 1520 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. कुल नुकसान का आकलन 1578 करोड़ किया गया था. इसी तरह वर्ष 2019 में 218 लोगों की जान गई, 568 पशुओं की मौत हुई, 3031 मकान क्षतिग्रस्त हुए और 1202 करोड़ रुपए का कुल नुकसान हुआ. वर्ष 2020 में 240 लोगों की मौत के साथ 181 पशु मारे गए. कुल 1346 मकान ध्वस्त हुए और संपत्ति का कुल नुकसान 873 करोड़ रुपए था. वर्ष 2021 में सबसे अधिक 476 लोगों की मौत हुई. पशुधन के रूप में 586 पशु मारे गए. तब 1976 मकानों को नुकसान के अलावा कुल संपत्ति का नुकसान 1151 करोड़ रुपए रहा. इसी तरह वर्ष 2022 में कुल संपत्ति का नुकसान पांच साल में सबसे अधिक आंका गया. कुल 1981 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान संपत्तियों को हुआ. मानसून सीजन में मरने वालों की संख्या 284 रही. कुल 589 पशु मारे गए 990 मकान क्षतिग्रस्त भी हुए.

Himachal Monsoon
मानसून सीजन में हिमाचल को हुए नुकसान का आंकड़ा

पानी, सड़क, बिजली सहित सरकारी संपत्ति को भारी क्षति: अबकी बार मानसून सीजन के अतिम दौर में बारिश थम गई है. जिससे नुकसान का आंकड़ा भी थमने लगा है, बीते एक माह में नुकसान कम हुआ है, लेकिन इससे पहले तक भारी क्षति हुई है. सरकारी व नजी संपत्तियों के साथ-साथ भारी जानी नुकसान भी हुआ है. सड़कों और पुलों को इस सीजन में 2932 करोड़ का नुकसान हुआ है. 2118 करोड़ की पानी को योजनाएं भी धवस्त हो गईं. बिजली की लाइनों और परियोजनाओं को करीब 1740 करोड़ की क्षति हुई है. 357 करोड़ की कृषि की फसलें तबाह गईं. जबकि 173 करोड़ की फल भी तबाह हो गए. इसके अलावा स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों सहित अन्य सरकारी भवनों को भारी नुकसान हुआ.

इस मानसून सीजन में 13 हजार से ज्यादा मकान ढहे: यही नहीं अबकी बार के मानसून सीजन में रिहायशी व गैर रिहाय़शी मकानों को भी भारी क्षति पहुची है. बीते पांच सालों में देखें तो इस बार सबसे ज्यादा 13326 करोड़ के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इससे पहले 2018 में सबसे ज्यादा 5160 मकान तबाह हुए थे, मगर उसके मुकाबले इस साल दुगने से भी ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए. इसी तरह इस साल करीब 5607 गौशालाएं ढह गईं. मानसून की सीजन में भारी जानी नुकसान भी हुआ है. इस बार 391 लोगों का जानें भी गईं. यही नहीं प्रदेश में पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. करीब 6390 पशुओं की मौत भी अबकी बार हुई है.

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