नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच चल रही खींचतान बुधवार को संसदीय स्थायी समिति की बैठक में भी देखी गई.
पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा को लेकर कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गृह मामलों की संसदीय समिति की बैठक हुई. इस बैठक में दोनों पार्टियों में एक-दूसरे पर आरोप लगाए. जिसमें दोनों दलों के सांसदों के बीच तीखी बहस हुई.
'महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार और अपराध' विषय पर गृह मामलों की संसदीय समिति ने यह बैठक बुलाई थी. जिसमें पश्चिम बंगाल और हरियाणा सरकार के लोग भी शामिल हुए. इस बैठक में पश्चिम बंगाल के डीजीपी वीरेंद्र और प्रमुख सचिव अलपन बंदोपाध्याय भी मौजूद थे.
राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने समिति के समक्ष दावा किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में तेजी से गिरावट आई है. उन्होंने महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए राज्य सरकार की पहल 'कन्याश्री' की भी सराहना की. सूत्रों से पता चला है कि टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने बीजेपी का नाम लिए बगैर कहा कि एक विशेष राजनीतिक दल की युवा शाखा राज्य में विशेषकर टीएमसी कार्यकर्ताओं और लड़कियों को निशाना बना रही है. टीएमसी सांसद की इस टिप्पणी पर भाजपा के कुछ सांसदों ने विरोध किया और आलोचना की.
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भाजपा नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी के कई नेता राज्य सरकार के गुंडों द्वारा मारे गए हैं. बीजेपी और टीएमसी सांसदों के बीच हो रही बहस को रोकते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि यहां मौजूद लोग सिर्फ बैठक के एजेंडे पर बात करें. भाजपा सांसदों ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से राज्य में हो रही मानव तस्करी के बढ़ते मामलों के पीछे के कारण भी पूछा. बता दे, गृह मामलों की संसदीय समिति में विभिन्न राजनीतिक दलों के 31 सदस्य हैं.