प्रयागराज: ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला अदालत के फैसले के खिलाफ इंतजामिया कमेटी की याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. मस्जिद पक्ष की ओर से मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में मेंशन करके इस मामले की अर्जेंसी का हवाला देकर जल्दी सुनवाई का अनुरोध किया गया था.
इस पर मुख्य न्यायाधीश प्रीतिकर दिवाकर ने पूछा कि अगर वह स्वयं इसकी सुनवाई करें तो? मस्जिद पक्ष के वकील ने कहा उनको इस पर कोई एतराज नहीं है. सबसे पहले मस्जिद पक्ष के वकील ने चीफ जस्टिस को वाराणसी के जिला अदालत में दाखिल सिविल सूट तथा मस्जिद परिसर का एएसआई से सर्वे कराए जाने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के आदेश की पूरी जानकारी दी. मस्जिद पक्ष के वकील का कहना था कि वैज्ञानिक सर्वे से मस्जिद के ढांचे को क्षति पहुंच सकती है.
इसका विरोध करते हुए हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि ऐसा नहीं होगा. सॉलिसिटर जनरल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा तथा खुदाई नहीं की जाएगी. इससे पहले भी राम जन्मभूमि मामले में हाईकोर्ट ने वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था, जो 3 साल तक चला था. मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता का कहना था कि वाराणसी की अदालत में चल रहे सिविल सूट में एएसआई को पक्षकार नहीं बनाया गया है. बिना पक्षकार बनाए ही सर्वे का आदेश दिया गया, जोकि उचित नहीं है. यह भी कहा गया कि कोई मुद्दा नहीं बना तथा कोई साक्ष्य भी नहीं है इस स्थिति में जिला जज द्वारा परिसर के वैज्ञानिक सर्वे देने का आदेश अनुचित है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार सुबह 9:30 बजे फिर से शुरू करने का आदेश दिया है.