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काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद HC में सुनवाई 6 जुलाई को - prayagraj news in hindi

काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 6 जुलाई को सुनवाई होगी. इलाहबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई टल गयी है. स्वयंभू भगवान विशेश्वर (हिंदू पक्ष) की ओर से सबसे पहले दलीलें पेश की जाएंगी.

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hearing on kashi vishwanath temple and gyanvapi masjid dispute
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Published : May 20, 2022, 8:11 AM IST

Updated : May 20, 2022, 2:10 PM IST

प्रयागराज: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच दोपहर 12 बजे सुनवाई शुरू करेगी. आज की सुनवाई में स्वयंभू भगवान विशेश्वर (हिंदू पक्ष) की ओर से सबसे पहले दलीलें पेश की जाएंगी.

पिछली सुनवाई पर हिंदू पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी थी. सबसे पहले हिंदू पक्ष अपनी बची हुई बहस पूरी करेगा. उसके बाद दोनों मुस्लिम पक्षकार अपनी दलीलें पेश करेंगे. अदालत को यह तय करना है कि 31 साल पहले 1991 में वाराणसी जिला कोर्ट में दायर वाद की सुनवाई हो सकती है या नहीं.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी सर्वे को लेकर दूसरा बड़ा खुलासा, मस्जिद में मिले कमल, त्रिशूल, डमरू के चिह्न!

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि प्लेसेज आफ वरशिप एक्ट 1991 के तहत यह वाद नहीं चल सकता है. इसके तहत अयोध्या को छोड़कर देश के किसी भी दूसरे धार्मिक स्थल के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है. इस एक्ट के तहत देश की आजादी के समय 15 अगस्त 1947 को जिस धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, वही स्थिति बरकरार रहेगी.

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मुस्लिम पक्षकार हैं. दोनों पक्षकारों की ओर से कुल छह याचिकाएं दाखिल की गई हैं. मुस्लिम पक्षकारों की बहस पूरी होने के बाद समय बचने पर यूपी सरकार का पक्ष भी रखा जाएगा.

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प्रयागराज: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच दोपहर 12 बजे सुनवाई शुरू करेगी. आज की सुनवाई में स्वयंभू भगवान विशेश्वर (हिंदू पक्ष) की ओर से सबसे पहले दलीलें पेश की जाएंगी.

पिछली सुनवाई पर हिंदू पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी थी. सबसे पहले हिंदू पक्ष अपनी बची हुई बहस पूरी करेगा. उसके बाद दोनों मुस्लिम पक्षकार अपनी दलीलें पेश करेंगे. अदालत को यह तय करना है कि 31 साल पहले 1991 में वाराणसी जिला कोर्ट में दायर वाद की सुनवाई हो सकती है या नहीं.

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मुस्लिम पक्ष का कहना है कि प्लेसेज आफ वरशिप एक्ट 1991 के तहत यह वाद नहीं चल सकता है. इसके तहत अयोध्या को छोड़कर देश के किसी भी दूसरे धार्मिक स्थल के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है. इस एक्ट के तहत देश की आजादी के समय 15 अगस्त 1947 को जिस धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, वही स्थिति बरकरार रहेगी.

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मुस्लिम पक्षकार हैं. दोनों पक्षकारों की ओर से कुल छह याचिकाएं दाखिल की गई हैं. मुस्लिम पक्षकारों की बहस पूरी होने के बाद समय बचने पर यूपी सरकार का पक्ष भी रखा जाएगा.

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Last Updated : May 20, 2022, 2:10 PM IST
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