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हाईकोर्ट ने INX मीडिया मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर स्थगन बढ़ाया

सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा पाने के लिए दी गई विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप था.

हाईकोर्ट
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Published : Aug 9, 2021, 9:02 AM IST

Updated : Aug 9, 2021, 6:44 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ती चिदंबरम से संबंधित आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सोमवार को निचली अदालत की कार्यवाही पर स्थगन की अवधि बढ़ा दी.

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने आरोपियों और उनके वकील को मालखाने में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर जांच एजेंसी के वकील को मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय का अध्ययन करने के लिए समय दिया.

अदालत ने कहा, उच्चतम न्यायालय द्वारा मुद्दे का समाधान किया गया है. आपराधिक मुकदमे में खामियों पर राज्यों को कानून बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

न्यायाधीश ने सुनवाई की अगली तारीख 27 अगस्त निर्धारित करते हुए कहा, अंतरिम आदेश जारी रहेगा.

उच्च न्यायालय ने चिदंबरम और उनके पुत्र से जुड़े मामले में 18 मई को निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

इसने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर चिदंबरम और अन्य को नोटिस जारी कर उनका जवाब भी मांगा था.

सीबीआई ने अपनी याचिका में विशेष न्यायाधीश के पांच मार्च 2021 के उस आदेश को दरकिनार करने का आग्रह किया है जिसमें जांच एजेंसी को निर्देश दिया गया था कि वह प्रतिवादियों/आरोपियों/उनके वकील को मालखाने में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण करने दे.

जांच एजेंसी ने आदेश में की गईं टिप्पणियों को निरस्त करने का भी अनुरोध किया है जिनमें कहा गया है कि एजेंसी को जांच के दौरान अपने द्वारा एकत्र किए गए सभी दस्तावेजों को अदालत में दाखिल करना या पेश करना आवश्यक है.

निचली अदालत ने यह भी कहा था कि आरोपी संबंधित दस्तावेजों या निरीक्षण संबंधी प्रति प्राप्त करने के भी हकदार हैं, भले ही सीबीआई ने उन्हें आधार बनाया हो या नहीं.

सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा पाने के लिए दी गई विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप था.

इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था.

पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ती चिदंबरम मामले में जमानत पर हैं.

पढ़ें : आईएनएक्स मीडिया मामला : पी चिदंबरम की याचिका पर ईडी को अदालत का नोटिस

सीबीआई ने कहा था कि यह मामला उच्च स्तर के भ्रष्टाचार का है जिसका समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इसने कहा था कि आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है, लेकिन समाज के सामूहिक हित की अनदेखी नहीं की जा सकती.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ती चिदंबरम से संबंधित आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सोमवार को निचली अदालत की कार्यवाही पर स्थगन की अवधि बढ़ा दी.

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने आरोपियों और उनके वकील को मालखाने में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर जांच एजेंसी के वकील को मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय का अध्ययन करने के लिए समय दिया.

अदालत ने कहा, उच्चतम न्यायालय द्वारा मुद्दे का समाधान किया गया है. आपराधिक मुकदमे में खामियों पर राज्यों को कानून बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

न्यायाधीश ने सुनवाई की अगली तारीख 27 अगस्त निर्धारित करते हुए कहा, अंतरिम आदेश जारी रहेगा.

उच्च न्यायालय ने चिदंबरम और उनके पुत्र से जुड़े मामले में 18 मई को निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

इसने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर चिदंबरम और अन्य को नोटिस जारी कर उनका जवाब भी मांगा था.

सीबीआई ने अपनी याचिका में विशेष न्यायाधीश के पांच मार्च 2021 के उस आदेश को दरकिनार करने का आग्रह किया है जिसमें जांच एजेंसी को निर्देश दिया गया था कि वह प्रतिवादियों/आरोपियों/उनके वकील को मालखाने में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण करने दे.

जांच एजेंसी ने आदेश में की गईं टिप्पणियों को निरस्त करने का भी अनुरोध किया है जिनमें कहा गया है कि एजेंसी को जांच के दौरान अपने द्वारा एकत्र किए गए सभी दस्तावेजों को अदालत में दाखिल करना या पेश करना आवश्यक है.

निचली अदालत ने यह भी कहा था कि आरोपी संबंधित दस्तावेजों या निरीक्षण संबंधी प्रति प्राप्त करने के भी हकदार हैं, भले ही सीबीआई ने उन्हें आधार बनाया हो या नहीं.

सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा पाने के लिए दी गई विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप था.

इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था.

पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ती चिदंबरम मामले में जमानत पर हैं.

पढ़ें : आईएनएक्स मीडिया मामला : पी चिदंबरम की याचिका पर ईडी को अदालत का नोटिस

सीबीआई ने कहा था कि यह मामला उच्च स्तर के भ्रष्टाचार का है जिसका समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इसने कहा था कि आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है, लेकिन समाज के सामूहिक हित की अनदेखी नहीं की जा सकती.

Last Updated : Aug 9, 2021, 6:44 PM IST
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