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Sexual Harassment Case: बृजभूषण व विनोद तोमर पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई 26 अगस्त तक टली

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Published : Aug 19, 2023, 6:05 PM IST

कोर्ट ने पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह और निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर आरोप तय करने के मामले में सुनवाई 26 अगस्त तक टाल दी है.

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बृजभूषण व विनोद तोमर पर आरोप तय

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर आरोप तय करने को लेकर होने वाली सुनवाई 26 अगस्त तक टल गई. दरअसल, मामले की सुनवाई कर रहे एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के शनिवार को छुट्टी पर रहने के चलते महिला पहलवानों के वकील की ओर से होने वाली बहस को टालना पड़ा.

बता दें कि इससे पहले नौ अगस्त से लेकर 11 अगस्त तक लगातार तीन दिन तक पुलिस और बृज भूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन के बीच आरोप तय करने को लेकर बहस हुई थी. उस वक्त दिल्ली पुलिस की तरफ से सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में कहा था कि चार्जशीट में पेश तथ्यों के आधार पर आरोपित और सह आरोपित दोनों पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है.

आरोपी व्यक्तियों पर उन अपराधों के लिए आरोप तय किए जाने चाहिए जिनके लिए उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. सरकारी वकील ने को कोर्ट को बताया कि सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354-डी (पीछा करना) सहित आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को तय कर दी थी. आज शिकायतकर्ता महिला पहलवानों के वकील को आरोप के बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश करनी थीं.

उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई को पेशी के दौरान सिंह और तोमर को कुछ शर्तों के साथ 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी, जिसमें अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ना और गवाहों को कोई प्रलोभन नहीं देना शामिल था. दिल्ली पुलिस ने छह बार के भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ 15 जून को चार्जशीट दाखिल की थी.

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर आरोप तय करने को लेकर होने वाली सुनवाई 26 अगस्त तक टल गई. दरअसल, मामले की सुनवाई कर रहे एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के शनिवार को छुट्टी पर रहने के चलते महिला पहलवानों के वकील की ओर से होने वाली बहस को टालना पड़ा.

बता दें कि इससे पहले नौ अगस्त से लेकर 11 अगस्त तक लगातार तीन दिन तक पुलिस और बृज भूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन के बीच आरोप तय करने को लेकर बहस हुई थी. उस वक्त दिल्ली पुलिस की तरफ से सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में कहा था कि चार्जशीट में पेश तथ्यों के आधार पर आरोपित और सह आरोपित दोनों पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है.

आरोपी व्यक्तियों पर उन अपराधों के लिए आरोप तय किए जाने चाहिए जिनके लिए उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. सरकारी वकील ने को कोर्ट को बताया कि सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354-डी (पीछा करना) सहित आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को तय कर दी थी. आज शिकायतकर्ता महिला पहलवानों के वकील को आरोप के बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश करनी थीं.

उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई को पेशी के दौरान सिंह और तोमर को कुछ शर्तों के साथ 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी, जिसमें अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ना और गवाहों को कोई प्रलोभन नहीं देना शामिल था. दिल्ली पुलिस ने छह बार के भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ 15 जून को चार्जशीट दाखिल की थी.

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