नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की जमानत अर्जी पर सुनवाई सोमवार को 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी. अभियोजक ने जमानत याचिका पर बहस के लिए और समय मांगा और कहा कि वह 'हवा में बात' नहीं कर सकते, जिसके बाद अदालत ने सुनवाई को स्थगित कर दिया.
जहां और कई अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन पर फरवरी 2020 की हिंसा के 'साजिशकर्ता' होने का आरोप है. इस हिंसा में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे.
दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद आज जमानत याचिका पर बहस करने वाले थे लेकिन उन्होंने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत से यह कहते हुए स्थगन की मांग की कि उन्हें मामले में तथ्य तैयार करने के लिए और समय चाहिए.
ये भी पढ़ें- ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछे ये सवाल
इशरत जहां की ओर से पेश अधिवक्ता प्रदीप तेवतिया ने स्थगन अनुरोध पर आपत्ति जताई और एएसजे रावत को अवगत कराया कि मामला पिछले छह महीने से लंबित है.
अभियोजक ने अधिवक्ता तेवतिया से कहा, 'मैं आपकी तरह बहस नहीं कर सकता. मुझे पूरी तरह से तैयार होने की जरूरत है. मैं हवा में बात नहीं कर सकता.' इस पर न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और कहा कि उन्हें एक-दूसरे के प्रति 'व्यक्तिगत' होने की जरूरत नहीं है.
इशरत जहां के वकील ने 23 जुलाई को उसकी जमानत याचिका पर अपनी दलीलें पूरी की थीं. मामले की सुनवाई अब 20 अगस्त को पूर्वान्ह्र 11 बजे होगी. इससे पहले, इशरत ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि जांच एजेंसी के पास साजिश के मामले में उसके खिलाफ कुछ भी सबूत नहीं है. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या 'राजनीतिक संबद्धता रखना गलत है.'
(पीटीआई-भाषा)