नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को रेलवे टेंडर घोटाला के मनी लॉड्रिंग मामले की सुनवाई टाल दिया. स्पेशल जज विशाल गोगने ने मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च 2024 को करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. तीनों ने कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. आज कोर्ट को ये सूचित किया गया कि इस मामले में आरोप तय करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है और उसकी अगली तिथि अभी तय नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने 30 मार्च 2024 को अगली सुनवाई का आदेश दिया.
साथ ही तेजस्वी यादव की ओर से विदेश जाने की अनुमति के लिए अर्जी दाखिल की गई. बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने शासकीय कार्यों के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी है, जिस पर कोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इस अर्जी पर अदालत 21 दिसंबर को सुनवाई करेगी.
28 जनवरी 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को एक-एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दी थी. कोर्ट ने 17 सितंबर 2018 को ईडी की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
ED ने इन्हें बनाया है आरोपीः ईडी ने जिन्हें आरोपी बनाया है उनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथ मल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.
लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे. रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था.