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कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट : स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट के संकेत हैं. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है. इसके अलावा सरकार ने कहा है कि ऑक्सीजन प्लांट के पास ही कोविड केयर सेंटर बनाने का फैसला लिया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल
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Published : May 3, 2021, 4:09 PM IST

Updated : May 3, 2021, 9:01 PM IST

नई दिल्ली : देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के करीब तीन लाख 68 हजार मामले सामने आए हैं. इस बीच कोरोना के हालात, ऑक्सीजन की उपलब्धता और कोरोना से लड़ाई में उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी, एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया सामने आए.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया है कि पिछले 15 दिनों में कोरोना संक्रमण में कमी आई है. महाराष्ट्र, दिल्ली और झारखंड में कोरोना संक्रमण कम हुआ है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, इसके बावजूद बचाव के उपाय अपनाने में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल

सामूहिक रूप से हमें ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ने पर ध्यान देने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देशभर में कोरोना संक्रमण के 34 लाख से अधिक मामले सक्रिय हैं. हालांकि, कुछ हद तक कोरोना के मामलों में कमी आई है.

दिल्ली, मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों में रोज तेजी से बढ़ रहे मामलों में कमी के संकेत दिखाई दे रहे हैं. हम रिकवरी में भी सकारात्मक दृष्टिकोण देख रहे हैं. 2 मई को रिकवरी रेट 78% था और 3 मई को यह लगभग 82% तक हो गया.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया भारत का रिकवरी रेट 81.77% है. देश में करीब 34 लाख सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है. अब तक संक्रमण से 2 लाख के करीब मृत्यु दर्ज़ की गई है. पिछले 24 घंटे में देश में 3,417 लोगों की मौत हुई है.

दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पंजाब में कोविड-19 के दैनिक मामलों में स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं जबकि बिहार, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में दैनिक मामलों में वृद्धि के रुझान दिखाई दे रहे हैं.

देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार इसके उत्पादन के लिये नाइट्रोजन संयंत्रों के रूपांतरण की संभावना तलाश रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा 'हम चिकित्सा प्रयोजनों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं. औद्योगिक इकाइयां जो ऑक्सीजन बनाती हैं हम उन ऑक्सीजन प्लांट के पास कोविड केयर सेंटर बनाने जा रहे हैं.'

अग्रवाल ने कहा, 'कुछ राज्यों में कोविड-19 मामलों में स्थिरता या गिरावट के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं.'

छत्तीसगढ़ में 29 अप्रैल को 15,583 मामले सामने आए थे जबकि दो मई को 14,087 मामले सामने आए. दिल्ली, दमन और दीव, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है.

जिलों के संबंध में अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग, गरियाबंद, रायपुर, राजनांदगांव, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, गुना, शाजापुर, लद्दाख के लेह और तेलंगाना के निर्मल में पिछले 15 दिनों में मामलों में गिरावट के संकेत मिले हैं. महाराष्ट्र के 12 जिलों में भी पिछले 15 दिन में गिरावट के संकेत मिले हैं.

उन्होंने कहा, 'हालांकि, ये बहुत शुरुआती संकेत हैं और इनके आधार पर स्थिति का विश्लेषण करना जल्दबाजी होगी. जिला और राज्य स्तर पर रोकथाम के प्रयासों को जारी रखना महत्वपूर्ण है ताकि हम इस बढ़त को बरकरार रखते हुए मामलों पर लगाम लगा सकें.'

अग्रवाल ने कहा, 'कुछ बातें चिंता का विषय हैं.'

12 राज्यों में एक लाख ले ज्यादा उपचाराधीन रोगी

उन्होंने कहा कि 12 राज्य ऐसे हैं जहां उपचाराधीन रोगियों की संख्या एक लाख से अधिक हैं. इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु शामिल हैं। सात राज्यों में मरीजों की तादाद 50 हजार से एक लाख और 17 राज्यों में 50 हजार से कम है.

उन्होंने कहा कि 22 राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है और नौ राज्यों में संक्रमण दर 5 से 15 प्रतिशत के बीच है और पांच राज्यों में यह पांच प्रतिशत से कम है.

उन्होंने कहा कि अंडमान निकोबार, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में दैनिक मामलों मे वृद्धि देखी जा रही है.

अग्रवाल ने कहा, 'फिलहाल, सूक्ष्म-स्तर पर मामलों का विश्लेषण करना और उन क्षेत्रों में प्रयासों को जारी रखना महत्वपूर्ण है जहां से मामले सामने आए रहे हैं.'

टीकाकरण के बारे में उन्होंने कहा कि अब तक 45 साल से अधिक आयु के लोगों को 12.07 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं.

इसके साथ ही सरकार के मुताबिक एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्र भी ड्यूटी में लगाए जाएंगे.

'देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध'

गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है. एक अगस्त 2020 को ऑक्सीजन का उत्पादन देश में 5,700 मीट्रिक टन था, जो अब लगभग 9,000 मीट्रिक टन हो गया है. हम विदेशों से भी ऑक्सीजन का आयात कर रहे हैं.'

ज्यादा सीटी स्कैन बढ़ा सकता है खतरा : गुलेरिया

एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने हल्के कोविड-19 लक्षणों में सीटी स्कैन की जल्दबाजी को लेकर आगाह करते हुए कहा कि इसके दुष्प्रभाव होते हैं और फायदे से अधिक नुकसान हो सकता है.

उन्होने कहा, 'एक सीटी स्कैन 300 से 400 छाती एक्स-रे के समान होता है. आंकड़ों के अनुसार युवा अवस्था में बार-बार सीटी स्कैन कराने से बाद में कैंसर होने का खतरा पैदा हो जाता है. बार-बार रेडिएशन से गुजरने से बहुत नुकसान हो सकते हैं. लिहाजा, यदि ऑक्सीजन का स्तर सामान्य है तो कोविड-19 के हल्के लक्षणों में सीटी स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है.'

इसके साथ ही गुलेरिया ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें. सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें.

गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,68,147 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,99,25,604 पहुंच गई है. वहीं, इस दौरान 3,417 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,18,959 हो गई है.

यह भी पढ़ें: NEET-PG परीक्षा चार महीने के लिए स्थगित, कोविड ड्यूटी में लगाए जाएंगे एमबीबीएस छात्र

वर्तमान में देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 34,13,642 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,62,93,003 है.

नई दिल्ली : देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के करीब तीन लाख 68 हजार मामले सामने आए हैं. इस बीच कोरोना के हालात, ऑक्सीजन की उपलब्धता और कोरोना से लड़ाई में उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी, एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया सामने आए.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया है कि पिछले 15 दिनों में कोरोना संक्रमण में कमी आई है. महाराष्ट्र, दिल्ली और झारखंड में कोरोना संक्रमण कम हुआ है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, इसके बावजूद बचाव के उपाय अपनाने में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल

सामूहिक रूप से हमें ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ने पर ध्यान देने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देशभर में कोरोना संक्रमण के 34 लाख से अधिक मामले सक्रिय हैं. हालांकि, कुछ हद तक कोरोना के मामलों में कमी आई है.

दिल्ली, मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों में रोज तेजी से बढ़ रहे मामलों में कमी के संकेत दिखाई दे रहे हैं. हम रिकवरी में भी सकारात्मक दृष्टिकोण देख रहे हैं. 2 मई को रिकवरी रेट 78% था और 3 मई को यह लगभग 82% तक हो गया.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया भारत का रिकवरी रेट 81.77% है. देश में करीब 34 लाख सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है. अब तक संक्रमण से 2 लाख के करीब मृत्यु दर्ज़ की गई है. पिछले 24 घंटे में देश में 3,417 लोगों की मौत हुई है.

दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पंजाब में कोविड-19 के दैनिक मामलों में स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं जबकि बिहार, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में दैनिक मामलों में वृद्धि के रुझान दिखाई दे रहे हैं.

देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार इसके उत्पादन के लिये नाइट्रोजन संयंत्रों के रूपांतरण की संभावना तलाश रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा 'हम चिकित्सा प्रयोजनों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं. औद्योगिक इकाइयां जो ऑक्सीजन बनाती हैं हम उन ऑक्सीजन प्लांट के पास कोविड केयर सेंटर बनाने जा रहे हैं.'

अग्रवाल ने कहा, 'कुछ राज्यों में कोविड-19 मामलों में स्थिरता या गिरावट के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं.'

छत्तीसगढ़ में 29 अप्रैल को 15,583 मामले सामने आए थे जबकि दो मई को 14,087 मामले सामने आए. दिल्ली, दमन और दीव, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है.

जिलों के संबंध में अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग, गरियाबंद, रायपुर, राजनांदगांव, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, गुना, शाजापुर, लद्दाख के लेह और तेलंगाना के निर्मल में पिछले 15 दिनों में मामलों में गिरावट के संकेत मिले हैं. महाराष्ट्र के 12 जिलों में भी पिछले 15 दिन में गिरावट के संकेत मिले हैं.

उन्होंने कहा, 'हालांकि, ये बहुत शुरुआती संकेत हैं और इनके आधार पर स्थिति का विश्लेषण करना जल्दबाजी होगी. जिला और राज्य स्तर पर रोकथाम के प्रयासों को जारी रखना महत्वपूर्ण है ताकि हम इस बढ़त को बरकरार रखते हुए मामलों पर लगाम लगा सकें.'

अग्रवाल ने कहा, 'कुछ बातें चिंता का विषय हैं.'

12 राज्यों में एक लाख ले ज्यादा उपचाराधीन रोगी

उन्होंने कहा कि 12 राज्य ऐसे हैं जहां उपचाराधीन रोगियों की संख्या एक लाख से अधिक हैं. इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु शामिल हैं। सात राज्यों में मरीजों की तादाद 50 हजार से एक लाख और 17 राज्यों में 50 हजार से कम है.

उन्होंने कहा कि 22 राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है और नौ राज्यों में संक्रमण दर 5 से 15 प्रतिशत के बीच है और पांच राज्यों में यह पांच प्रतिशत से कम है.

उन्होंने कहा कि अंडमान निकोबार, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में दैनिक मामलों मे वृद्धि देखी जा रही है.

अग्रवाल ने कहा, 'फिलहाल, सूक्ष्म-स्तर पर मामलों का विश्लेषण करना और उन क्षेत्रों में प्रयासों को जारी रखना महत्वपूर्ण है जहां से मामले सामने आए रहे हैं.'

टीकाकरण के बारे में उन्होंने कहा कि अब तक 45 साल से अधिक आयु के लोगों को 12.07 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं.

इसके साथ ही सरकार के मुताबिक एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्र भी ड्यूटी में लगाए जाएंगे.

'देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध'

गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है. एक अगस्त 2020 को ऑक्सीजन का उत्पादन देश में 5,700 मीट्रिक टन था, जो अब लगभग 9,000 मीट्रिक टन हो गया है. हम विदेशों से भी ऑक्सीजन का आयात कर रहे हैं.'

ज्यादा सीटी स्कैन बढ़ा सकता है खतरा : गुलेरिया

एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने हल्के कोविड-19 लक्षणों में सीटी स्कैन की जल्दबाजी को लेकर आगाह करते हुए कहा कि इसके दुष्प्रभाव होते हैं और फायदे से अधिक नुकसान हो सकता है.

उन्होने कहा, 'एक सीटी स्कैन 300 से 400 छाती एक्स-रे के समान होता है. आंकड़ों के अनुसार युवा अवस्था में बार-बार सीटी स्कैन कराने से बाद में कैंसर होने का खतरा पैदा हो जाता है. बार-बार रेडिएशन से गुजरने से बहुत नुकसान हो सकते हैं. लिहाजा, यदि ऑक्सीजन का स्तर सामान्य है तो कोविड-19 के हल्के लक्षणों में सीटी स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है.'

इसके साथ ही गुलेरिया ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें. सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें.

गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,68,147 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,99,25,604 पहुंच गई है. वहीं, इस दौरान 3,417 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,18,959 हो गई है.

यह भी पढ़ें: NEET-PG परीक्षा चार महीने के लिए स्थगित, कोविड ड्यूटी में लगाए जाएंगे एमबीबीएस छात्र

वर्तमान में देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 34,13,642 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,62,93,003 है.

Last Updated : May 3, 2021, 9:01 PM IST
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