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कोविशील्ड मुद्दे पर ब्रिटेन के साथ संवाद जारी, अक्षम लोगों को घरों पर ही कोरोना टीका : स्वास्थ्य मंत्रालय - active corona cases

केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले घटने के बावजूद अब भी हम महामारी की दूसरी लहर के बीच में हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सरकार ऐसे लोगों के लिए घरों पर ही कोरोना वैक्सीन लगवाने का इंतजाम कर रही है, जिन्हें टीका केंद्र पर आने में परेशानी हो रही है. ब्रिटेन के साथ कोविशील्ड को लेकर उपजी रार पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बात की जा रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय
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Published : Sep 23, 2021, 6:02 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 11:22 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है. सरकार ने बताया कि पिछले हफ्ते सामने आए कुल मामलों में 62.73 प्रतिशत केरल से ही थे. सरकार ने यह भी बताया कि अशक्त लोगों और चल-फिर नहीं सकने वाले लोगों को हम कोविड-19 का टीका घर पर ही दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी.

सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 33 जिलों में साप्ताहिक स्तर पर कोविड-19 के 10 प्रतिशत से अधिक नये मामले सामने आ रहे हैं , जबकि 23 जिलों में 5 से 10 प्रतिशत मामले सामने आ रहे हैं.

रकार ने घोषणा की कि दिव्यांगों तथा चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को उनके घर पर ही कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भले ही दैनिक नए मामलों में कमी आ रही हो, लेकिन देश में कोविड-19 की दूसरी लहर अब भी जारी है.

बहरहाल, उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते सामने आए संक्रमण के कुल मामलों में से 62.73 फीसदी अकेले केरल में आए. केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है.

अधिकारियों ने कहा कि देश में 33 जिलों में फिलहाल संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है, जबकि 23 जिलों में संक्रमण दर पांच से 10 फीसदी के बीच हैंय

सरकार ने भारत में टीकाकरण कराने वालों को 10 दिन पृथक-वास में रखने के ब्रिटेन के नियम पर कहा, भारत में टीकाकरण कराने वालों को 10 दिन पृथक-वास में रखने का ब्रिटेन का नियम भेदभावपूर्ण है. हमें विश्वास है कि समाधान निकाल लिया जाएगा, हम भी इसी तरह का कदम उठाने का अधिकार रखते हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक त्योहारों के लिए कोविड दिशानिर्देशों के तहत, निरूद्ध क्षेत्रों में और पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में लोगों के जमावड़े को रोका जाना जरूरी है.

कोरोना टीकाकरण पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत की वयस्क आबादी के 66 प्रतिशत हिस्से को कोविड-19 रोधी टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है, 23 प्रतिशत को दोनों खुराक लग चुकी है.

कोरोना टीका- कोविशील्ड को लेकर ब्रिटेन की सरकार के फैसले पर भारत सरकार ने कहा कि ब्रिटेन का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका समाधान होगा. ऐसा न होने पर भारत भी उसी तरीके से जवाब दे सकता है.

पढ़ें :- अब भारत में विदेशी नागरिक भी करा सकेंगे कोविड रोधी टीकाकरण

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने को-विन प्रमुख आरएस शर्मा के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की.

एलिस ने बैठक के बाद ट्वीट किया, आरएस शर्मा के साथ उत्कृष्ट तकनीकी चर्चा हुई. किसी भी पक्ष ने एक-दूसरे की प्रमाणन प्रक्रिया के साथ तकनीकी चिंताओं को नहीं उठाया. एक महत्वपूर्ण कदम आगे की ओर, हमारा संयुक्त उद्देश्य यात्रा को सुविधाजनक बनाना और यूके और भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य की पूरी तरह से रक्षा करना है.

इससे पहले, शर्मा ने कहा कि को-विन सबसे अच्छे वैक्सीन पोर्टलों में से एक है और पूरी प्रक्रिया डिजिटल है. डिजिटल प्रमाणपत्र भी सत्यापन योग्य है. यह मामला पहले ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ब्रिटिश समकक्ष एलिजाबेथ ट्रस के साथ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाया था.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूके भी काफी हद तक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं. हम उसी वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं जिसका यूके उपयोग कर रहा है. इस भेदभाव के लिए कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं हो सकता है.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है. सरकार ने बताया कि पिछले हफ्ते सामने आए कुल मामलों में 62.73 प्रतिशत केरल से ही थे. सरकार ने यह भी बताया कि अशक्त लोगों और चल-फिर नहीं सकने वाले लोगों को हम कोविड-19 का टीका घर पर ही दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी.

सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 33 जिलों में साप्ताहिक स्तर पर कोविड-19 के 10 प्रतिशत से अधिक नये मामले सामने आ रहे हैं , जबकि 23 जिलों में 5 से 10 प्रतिशत मामले सामने आ रहे हैं.

रकार ने घोषणा की कि दिव्यांगों तथा चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को उनके घर पर ही कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भले ही दैनिक नए मामलों में कमी आ रही हो, लेकिन देश में कोविड-19 की दूसरी लहर अब भी जारी है.

बहरहाल, उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते सामने आए संक्रमण के कुल मामलों में से 62.73 फीसदी अकेले केरल में आए. केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है.

अधिकारियों ने कहा कि देश में 33 जिलों में फिलहाल संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है, जबकि 23 जिलों में संक्रमण दर पांच से 10 फीसदी के बीच हैंय

सरकार ने भारत में टीकाकरण कराने वालों को 10 दिन पृथक-वास में रखने के ब्रिटेन के नियम पर कहा, भारत में टीकाकरण कराने वालों को 10 दिन पृथक-वास में रखने का ब्रिटेन का नियम भेदभावपूर्ण है. हमें विश्वास है कि समाधान निकाल लिया जाएगा, हम भी इसी तरह का कदम उठाने का अधिकार रखते हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक त्योहारों के लिए कोविड दिशानिर्देशों के तहत, निरूद्ध क्षेत्रों में और पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में लोगों के जमावड़े को रोका जाना जरूरी है.

कोरोना टीकाकरण पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत की वयस्क आबादी के 66 प्रतिशत हिस्से को कोविड-19 रोधी टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है, 23 प्रतिशत को दोनों खुराक लग चुकी है.

कोरोना टीका- कोविशील्ड को लेकर ब्रिटेन की सरकार के फैसले पर भारत सरकार ने कहा कि ब्रिटेन का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका समाधान होगा. ऐसा न होने पर भारत भी उसी तरीके से जवाब दे सकता है.

पढ़ें :- अब भारत में विदेशी नागरिक भी करा सकेंगे कोविड रोधी टीकाकरण

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने को-विन प्रमुख आरएस शर्मा के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की.

एलिस ने बैठक के बाद ट्वीट किया, आरएस शर्मा के साथ उत्कृष्ट तकनीकी चर्चा हुई. किसी भी पक्ष ने एक-दूसरे की प्रमाणन प्रक्रिया के साथ तकनीकी चिंताओं को नहीं उठाया. एक महत्वपूर्ण कदम आगे की ओर, हमारा संयुक्त उद्देश्य यात्रा को सुविधाजनक बनाना और यूके और भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य की पूरी तरह से रक्षा करना है.

इससे पहले, शर्मा ने कहा कि को-विन सबसे अच्छे वैक्सीन पोर्टलों में से एक है और पूरी प्रक्रिया डिजिटल है. डिजिटल प्रमाणपत्र भी सत्यापन योग्य है. यह मामला पहले ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ब्रिटिश समकक्ष एलिजाबेथ ट्रस के साथ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाया था.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूके भी काफी हद तक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं. हम उसी वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं जिसका यूके उपयोग कर रहा है. इस भेदभाव के लिए कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं हो सकता है.

Last Updated : Sep 23, 2021, 11:22 PM IST
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