मुंबई : बम्बई उच्च न्यायालय ने शनिवार को कहा कि वह वकीलों को कम से कम जुलाई के अंत तक उपनगरीय ट्रेनों से यात्रा करने की अनुमति नहीं दे सकता क्योंकि महाराष्ट्र राज्य कोविड-19 कार्यबल को महामारी की तीसरी लहर की आशंका है.
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की एक खंडपीठ ने कहा कि अदालत चिकित्सा विशेषज्ञों की राय के विरुद्ध न्यायिक आदेश नहीं दे सकती है.
एक महीने करना होगा इंतजार
अदालत ने कहा, 'कम से कम जुलाई के अंत तक यह (वकीलों को ट्रेनों से आने-जाने की अनुमति देना) संभव नहीं. राज्य कोविड-19 कार्यबल को लगता है कि अगर ट्रेनों को सभी के लिए खोल दिया गया तो तीसरी लहर शुरू हो सकती है. आपको (वकीलों को) एक महीने और इंतजार करना होगा.'
अभी अधिकारियों को ही है इजाजत
पीठ मुंबई में स्थानीय उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा से वकीलों को बाहर रखने के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. वर्तमान में, केवल राज्य सरकार और लोक प्रशासन के अधिकारियों को सार्वजनिक परिवहन में आने-जाने की अनुमति है.
पीठ ने कहा कि कार्यबल के अधिकारियों के साथ उसकी प्रशासनिक बैठक में, न्यायाधीशों को सूचित किया गया था कि वर्तमान कोविड-19 स्थिति में केवल अगस्त महीने तक सुधार होने की संभावना है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि तीन अगस्त निर्धारित की.
(पीटीआई-भाषा)