दिल्ली: एक उभरते पहलवान सागर धनखड़ की हत्या (wrestler sagar dhankar murder case) को एक महीना होने वाला है. मामले का मुख्य आरोपी ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार (olympic medalist sushil kumar) न्यायिक हिरासत में है. लेकिन इस मामले के चश्मदीद गवाह अमित कुमार को जान से मारने की धमकियां मिल रही है. अमित कुमार के मुताबिक बयान बदलने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. जिसके बाद अमित कुमार ने दिल्ली उच्च न्यायालय (delhi high court) में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी.
गवाहों को सुरक्षा दी जाए- दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए गुरुवार को 'विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम' (Witness Protection Scheme) के तहत सभी गवाहों को सुरक्षा देने का आदेश दिया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता अजय पिपानिया ने बताया कि इस तरह के हाई प्रोफाइल हत्या मामले में पहले भी देखा गया है कि गवाहों पर दबाव बना कर बयान बदलवाने की कोशिश होती है और फिर अपराधी कानून की पकड़ से छूट जाता है. याचिका पर सुनवाई करते हुए इस पूरे प्रकरण में सभी चश्मदीद गवाहों को 'विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम' के तहत सुरक्षा दिये जाने के आदेश दिए हैं. अब दिल्ली पुलिस को एक हफ्ते के भीतर सभी गवाहों पर संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.
सागर धनखड़ मर्डर केस में मुख्य गवाह है अमित कुमार
सागर धनखड़ हत्याकांड में अमित कुमार मुख्य गवाह है. जो 4 मई की रात दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में मौका-ए-वारदात पर मौजूद था. उसे भी अपहृत कर स्टेडियम में लाया गया था. सागर के साथ-साथ उसे भी बुरी तरह से पीटा गया था. मामले के बाद अमित के परिजनों के पास धमकी भरे फोन आ रहे थे जिसमें उस पर अपने बयान बदलने के लिये दबाव बनाया जा रहा था.
सुशील कुमार को बचाने की कोशिश
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी सामने आ रही है कि सुशील पहलवान को बचाने के लिए समाज के वर्ग विशेष के लोग इस तरह की कवायद कर रहे हैं. चश्मदीद को डराने धमकाने के अलावा सागर मर्डर केस में मुख्य आरोपी सुशील कुमार को बचाने के लिए समझौते की गुंजाइश तलाश रहे हैं.
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