मुंबई : बंबई हाई कोर्ट ने भाजपा नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम राहत की अवधि सात जुलाई तक बढ़ा दी है. उन पर सेवामुक्त नौसैनिक विमानवाहक पोत विक्रांत की बहाली के लिए एकत्र किए गए सार्वजनिक धन का कथित दुरूपयोग का आरोप है. 13 अप्रैल को न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई ने किरीट सोमैया को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी और 20 अप्रैल को कोर्ट ने उनके बेटे नील सोमैया को भी यही राहत दी थी.
अदालत ने तब कहा था कि उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में दोनों आरोपियों को 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा किया जाए. बाद में कोर्ट ने राहत को 14 जून तक बढ़ा दिया था. आज यानी मंगलवार को न्यायमूर्ति भारती डांगरे की अध्यक्षता वाली हाई कोर्ट की एक और एकल पीठ ने पूर्व भाजपा सांसद और उनके बेटे को दी गई अंतरिम सुरक्षा को 7 जुलाई तक बढ़ा दिया. न्यायमूर्ति डांगरे ने भी निर्देश दिया महाराष्ट्र सरकार ने किरीट सोमैया और उनके बेटे द्वारा दायर याचिकाओं का जवाब देते हुए एक हलफनामा दायर किया, जिसमें दावा किया गया था कि उनके खिलाफ आरोप झूठे थे, और मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग कर रहे थे.
अप्रैल 2022 में सोमैया को अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस मामले में सेना के एक पूर्व जवान द्वारा दर्ज की गई शिकायत अस्पष्ट और पूरी तरह से मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है. हालांकि इसने दोनों को तय तारीखों पर पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. मंगलवार को राज्य के वकील शिरीष गुप्ते ने भाजपा नेता और उनके बेटे की दलीलों के जवाब में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा. सोमैया के वकील अशोक मुंदरगी कहा कि दोनों उनके खिलाफ जांच में सहयोग करेंगे.
न्यायमूर्ति डांगरे ने अपने आदेश में मुंदरगी का बयान दर्ज किया और कहा कि दोनों आवेदकों को दी गई अंतरिम राहत मामले में सुनवाई की अगली तारीख 7 जुलाई तक बढ़ा दी जाएगी. शिकायत के अनुसार किरीट सोमैया और कुछ अन्य लोगों ने सेवामुक्त नौसेना विमानवाहक पोत विक्रांत की बहाली के लिए 57 करोड़ रुपये से अधिक धन इकट्ठा किए थे. महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में राशि जमा करने के बजाय भाजपा नेता पर धन के दुरुपयोग का आरोप है.
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पीटीआई