चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिन पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा कि न्यायमूर्ति लिसा गिल की अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
चीमा ने कहा कि उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि उच्चतम न्यायालय का रुख करने के लिए अंतरिम सुरक्षा सात दिनों के लिए बढ़ा दी जाए. हालांकि, वकील ने कहा कि विस्तृत आदेश का इंतजार है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया. अदालत ने 18 जनवरी को अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी थी.
मजीठिया (46) के खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था. मोहाली की एक अदालत ने 24 दिसंबर को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था. उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी को मजीठिया को मामले में अग्रिम जमानत दी थी. इसके बाद दो दिन बाद बिक्रम सिंह मजीठिया ड्रग्स मामले में 12 जनवरी को विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश (Bikram Singh Majithia appeared before SIT) हुए थे.
मजीठिया पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं. पंजाब के पूर्व मंत्री के खिलाफ राज्य में मादक पदार्थ रैकेट की जांच से संबंधित 2018 की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में राज्य की अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस थाने में 49 पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की थी.
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