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ईडी की कार्रवाई : शाओमी की याचिका पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

ईडी की कार्रवाई के खिलाफ चीन की टेक कंपनी शाओमी (Xiaomi) की याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट (karnataka high court) में सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

HC
कर्नाटक हाई कोर्ट
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Published : Jun 17, 2022, 8:07 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के खिलाफ चीन की टेक कंपनी शाओमी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. ईडी ने शाओमी के बैंक खातों से 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. शाओमी पर विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) प्रावधानों के उल्लंघन करने का आरोप है. जस्टिस एस जी पंडित की अगुवाई वाली पीठ ने शिओमी की याचिका पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा.

शाओमी इंडिया के वकीलों एस गणेशन और साजन पूवैया ने दलील दी कि अन्य कंपनियों को प्रौद्योगिकी रॉयल्टी के भुगतान की अनुमति दी गई है लेकिन चीन की कंपनी होने के कारण शाओमी पर निशाना साधा जा रहा है. उन्होंने अदालत को बताया कि बैंक आयात के लिए कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान नहीं करने दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन के निर्माण और विपणन के लिए शाओमी को विदेशी कंपनियों को भुगतान करने की जरूरत है.

ईडी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एम बी नारगुंड ने कहा कि प्रशासन से इससे कोई शिकायत नहीं है अगर शिओमी जब्त राशि को बैंक में रखे और शेष राशि का उपयोग करे. उन्होंने अदालत को बताया कि शाओमी के बैंक खाते जब्त करने के ईडी के आदेश से पहले 24 और 29 अप्रैल को कंपनी के बैंक खातों से 1,500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए.

शाओमी का कहना है कि तीन विदेशी कंपनियों को किया गया रॉयल्टी भुगतान आयकर विभाग के मूल्य संवर्धित गतिविधि में शामिल है. इस भुगतान से फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होता है.

पढ़ें- ईडी की बड़ी कार्रवाई, फेमा के तहत शाओमी के 5551 करोड़ रुपये अटैच

पढ़ें- मोबाइल फोन कंपनी शाओमी को मिली कर्नाटक उच्च न्यायालय से राहत

बेंगलुरु : कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के खिलाफ चीन की टेक कंपनी शाओमी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. ईडी ने शाओमी के बैंक खातों से 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. शाओमी पर विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) प्रावधानों के उल्लंघन करने का आरोप है. जस्टिस एस जी पंडित की अगुवाई वाली पीठ ने शिओमी की याचिका पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा.

शाओमी इंडिया के वकीलों एस गणेशन और साजन पूवैया ने दलील दी कि अन्य कंपनियों को प्रौद्योगिकी रॉयल्टी के भुगतान की अनुमति दी गई है लेकिन चीन की कंपनी होने के कारण शाओमी पर निशाना साधा जा रहा है. उन्होंने अदालत को बताया कि बैंक आयात के लिए कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान नहीं करने दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन के निर्माण और विपणन के लिए शाओमी को विदेशी कंपनियों को भुगतान करने की जरूरत है.

ईडी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एम बी नारगुंड ने कहा कि प्रशासन से इससे कोई शिकायत नहीं है अगर शिओमी जब्त राशि को बैंक में रखे और शेष राशि का उपयोग करे. उन्होंने अदालत को बताया कि शाओमी के बैंक खाते जब्त करने के ईडी के आदेश से पहले 24 और 29 अप्रैल को कंपनी के बैंक खातों से 1,500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए.

शाओमी का कहना है कि तीन विदेशी कंपनियों को किया गया रॉयल्टी भुगतान आयकर विभाग के मूल्य संवर्धित गतिविधि में शामिल है. इस भुगतान से फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होता है.

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