ETV Bharat / bharat

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए अदालत ने 'मैंग्रोव' के 20 हजार पेड़ काटने की अनुमति दी

बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मैंग्रोव के करीब 20 हजार पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी है. बता दें कि अहमदाबाद और मुंबई के बीच 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेल गलियारे के पूरे होने के बाद इस ट्रेन से इस दूरी को साढ़े छह घंटे में तय कर लेने की उम्मीद है.

Mumbai Ahmedabad bullet train project
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना
author img

By

Published : Dec 9, 2022, 5:57 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने शुक्रवार को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मुंबई, पालघर और ठाणे में मैंग्रोव के लगभग 20 हजार पेड़ काटने की अनुमति दे दी. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने मैंग्रोव के पेड़ों को काटने की मांग वाली एनएचएसआरसीएल की याचिका स्वीकार कर ली.

उच्च न्यायालय के वर्ष 2018 के एक आदेश के तहत राज्यभर में मैंग्रोव (दलदलीय भूमि में उगे पेड़ व झाड़ियां) के पेड़ों की कटाई पर पूर्ण पाबंदी है और जब भी कोई प्राधिकरण किसी सार्वजनिक परियोजना के लिए मैंग्रोव के पेड़ों को काटना जरूरी समझता है तो उसे हर बार उच्च न्यायालय से अनुमति लेनी होती है. उक्त आदेश के तहत जिस क्षेत्र में मैंग्रोव के पेड़ हैं, उसके आसपास 50 मीटर का बफर जोन बनाया जाना चाहिए, जिसमें किसी भी निर्माण गतिविधि या मलबे को गिराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

एनएचएसआरसीएल ने 2020 में दायर याचिका में अदालत को आश्वस्त किया था कि पहले मैंग्रोव के जितने पेड़ों को काटे जाने की योजना थी, वह उनका पांच गुना पेड़ लगाएगा. हालांकि, 'बॉम्बे एन्वायर्नमेंटल एक्शन ग्रुप' नाम के एक गैर-सरकारी संगठन ने यह कहते हुए एनएचएसआरसीएल की याचिका का विरोध किया था कि प्रतिपूरक उपाय के रूप में लगाए जाने वाले पौधों की जीवित रहने की दर के बारे में कोई अध्ययन नहीं किया गया है और पेड़ों की कटाई के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई है.

एनएचएसआरसीएल ने एनजीओ द्वारा जताई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए दावा किया था कि उसने सार्वजनिक महत्व की परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर आवश्यक अनुमोदन हासिल कर लिया था और इसके कारण होने वाले नुकसान की भरपाई पौधे लगाकर की जाएगी. अहमदाबाद और मुंबई के बीच प्रस्तावित 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेल गलियारे से दोनों शहरों के बीच का यात्रा का समय साढ़े छह घंटे से घटकर ढाई घंटे रह जाने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें - बुलेट ट्रेन परियोजना में गोदरेज एंड बॉयस भूखंड को छोड़कर भूमि अधिग्रहण पूरा : महाराष्ट्र सरकार

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने शुक्रवार को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मुंबई, पालघर और ठाणे में मैंग्रोव के लगभग 20 हजार पेड़ काटने की अनुमति दे दी. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने मैंग्रोव के पेड़ों को काटने की मांग वाली एनएचएसआरसीएल की याचिका स्वीकार कर ली.

उच्च न्यायालय के वर्ष 2018 के एक आदेश के तहत राज्यभर में मैंग्रोव (दलदलीय भूमि में उगे पेड़ व झाड़ियां) के पेड़ों की कटाई पर पूर्ण पाबंदी है और जब भी कोई प्राधिकरण किसी सार्वजनिक परियोजना के लिए मैंग्रोव के पेड़ों को काटना जरूरी समझता है तो उसे हर बार उच्च न्यायालय से अनुमति लेनी होती है. उक्त आदेश के तहत जिस क्षेत्र में मैंग्रोव के पेड़ हैं, उसके आसपास 50 मीटर का बफर जोन बनाया जाना चाहिए, जिसमें किसी भी निर्माण गतिविधि या मलबे को गिराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

एनएचएसआरसीएल ने 2020 में दायर याचिका में अदालत को आश्वस्त किया था कि पहले मैंग्रोव के जितने पेड़ों को काटे जाने की योजना थी, वह उनका पांच गुना पेड़ लगाएगा. हालांकि, 'बॉम्बे एन्वायर्नमेंटल एक्शन ग्रुप' नाम के एक गैर-सरकारी संगठन ने यह कहते हुए एनएचएसआरसीएल की याचिका का विरोध किया था कि प्रतिपूरक उपाय के रूप में लगाए जाने वाले पौधों की जीवित रहने की दर के बारे में कोई अध्ययन नहीं किया गया है और पेड़ों की कटाई के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई है.

एनएचएसआरसीएल ने एनजीओ द्वारा जताई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए दावा किया था कि उसने सार्वजनिक महत्व की परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर आवश्यक अनुमोदन हासिल कर लिया था और इसके कारण होने वाले नुकसान की भरपाई पौधे लगाकर की जाएगी. अहमदाबाद और मुंबई के बीच प्रस्तावित 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेल गलियारे से दोनों शहरों के बीच का यात्रा का समय साढ़े छह घंटे से घटकर ढाई घंटे रह जाने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें - बुलेट ट्रेन परियोजना में गोदरेज एंड बॉयस भूखंड को छोड़कर भूमि अधिग्रहण पूरा : महाराष्ट्र सरकार

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.