बेंगलुरु: पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर लेखक एस एल भैरप्पा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर किसी रचानकार की मृत्यु के बाद भी उसके काम की प्रासंगिकता बनी रहती है तो यह बहुत बड़ा पुरस्कार है. पद्म भूषण सम्मान के लिए चुने जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें यह पुरस्कार इसलिए मिला क्योंकि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं.
भैरप्पा ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि मोदी प्रधानमंत्री हैं, इसलिए मुझे यह पुरस्कार मिला है, यदि नहीं होते तो मुझे नहीं मिला होता ...नहीं जानता कि पहले क्यों नहीं.' उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'पुरस्कार आएंगे और जाएंगे, कोई यह नहीं देखेगा कि किसी लेखक को कौन सा पुरस्कार मिला है, अगर उन्हें (पाठकों को) उनकी (लेखक) पुस्तकों में रुचि है तो वे इसे पसंद करेंगे.
लेखक की किसी न किसी दिन मृत्यु हो सकती है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी पुस्तक की प्रासंगिकता बनी रहेगी.' भैरप्पा प्रतिष्ठित कन्नड़ लेखक हैं, जिनकी कृतियों का 14 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है. उन्हें पद्म श्री, सरस्वती सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार आदि से सम्मानित किया जा चुका है.
बता दें कि वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. उन्होंने देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुने जाने पर गुरुवार को खुशी जताई और कहा कि वह यह सम्मान राज्य के लोगों को समर्पित करेंगे. कृष्णा (90) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह यह सम्मान स्वीकार करते हुए अभिभूत हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता इस बात से प्रसन्न होंगे कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने मुझे यह प्रतिष्ठित सम्मान देना उचित समझा. मैं भारत सरकार का आभारी हूं और मैं कर्नाटक के लोगों का भी कृतज्ञ हूं.