नई दिल्ली: ओडिशा में ब्लैकमेल और वसूली गिरोह की मुख्य आरोपी अर्चना नाग ने दावा किया है कि उसके पास कुछ लोगों के खिलाफ 'सनसनीखेज सबूत' हैं जिससे राज्य में भूचाल आ जाएगा. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ के लिए ले जाने से पहले नाग को जारपड़ा विशेष कारागार से कैपिटल अस्पताल चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया. उन्होंने कहा कि वह अमीर और प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल करने और सेक्स रैकेट के जरिये अकूत संपत्ति जमा करने की जांच कर रही एजेंसी से सहयोग करेगी.
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मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नाग ने कहा कि मैं ईडी का इंतजार कर रही थी ताकि वह मुझे हिरासत में लेकर पूछताछ करे. मैं जांच में पूरी तरह से सहयोग करूंगी. उन्होंने कहा कि मुझे बोलने के लिए पर्याप्त समय यानी कम से कम 30 मिनट चाहिए. अगर मैं बोलती हूं तो पूरे राज्य का परिदृश्य ही बदल जाएगा. मुझे फंसाया गया है. मेरे पास सनसनीखेज सबूत है और किसी को नहीं छोडूंगी. नाग को स्थानीय पुलिस ने छह अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है. वह हिरासत में लेने और बाद में गिरफ्तार किए जाने के तरीके को लेकर पुलिस आयुक्तालय के खिलाफ भी मुखर दिखीं.
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नाग ने कहा कि मैं आतंकवादी नहीं हूं. जिस तरह से पुलिस आयुक्तालय द्वारा मुझे गिरफ्तार किया गया और मेरे परिवार को प्रताड़ित किया गया, वह मेरे खिलाफ साजिश है. ईडी ने नाग को सात दिनों के लिए सोमवार को अपनी हिरासत में लिया और 13 दिसंबर को वह उन्हें दोबारा अदालत के समक्ष पेश करेगी. केंद्रीय एजेंसी ब्लैकमेल गिरोह के धनशोधन कोण की जांच कर रही है. उसने अबतक इस मामले में नौ लोगों से पूछताछ की है.
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नाग के पति और इस मामले में सह आरोपी जगबंधु चंद को अदालत सात दिसंबर को अदालत के समक्ष पेश करेगी. इससे पहले दिन में नाग के शानदार आवास के वास्तुशास्त्री रंजीत बेहरा एजेंसी के समक्ष पेश हुए. इमारत का ठेकेदार पवित्र पात्रा सोमवार को पूछताछ के लिए पेश हुआ था. नाग पर वर्ष 2018 के बाद से भुवनेश्वर स्थित तीन मंजिला शानदार बंगला सहित 30 करोड़ की संपत्ति जमा करने का आरोप है.
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