अलीगढ़ : हाथरस के बहुचर्चित रेप-हत्या के मामले में गुरुवार को विशेष न्यायालय (एससी- एसटी) ने अपना फैसला सुनाया. काेर्ट ने 4 आरोपियों में से एक संदीप को गैर इरादतन हत्या में दोषी मानते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. उस पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया, जबकि 3 को दोषमुक्त कर दिया. इसके बाद शुक्रवार काे अलीगढ़ जिला जेल में बंद लवकुश, राम कुमार उर्फ रामू और रवि काे रिहा कर दिया गया. इस दौरान जेल के बाहर फाेर्स मौजूद रही.
बता दें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के एक गांव में दलित युवती चारा काटने गई थी. इस दौरान युवकाें ने उसे दबाेच लिया था. उसके साथ दुष्कर्म किया गया था. इसके बाद आराेपियाें ने युवती की पिटाई भी कर दी थी. 29 सितंबर काे इलाज के दौरान युवती की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई थी. घटना के बाद परिजनों की इच्छा के विपरीत रात में ही उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इसके बाद मामला काफी सुर्खियों में रहा. मामले में 2 अक्टूबर को शासन ने तत्काल एसपी और सीओ सहित 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. 2 दिन बाद ही मामले की सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया गया.
सीबीआई ने 11 अक्टूबर से इस मामले की जांच पड़ताल की. 18 दिसंबर 2020 को विशेष न्यायालय एससी -एसटी एक्ट में अभियुक्त संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. इस मामले में सीबीआई ने 105 गवाह बनाए थे, जिसमें से युवती के माता- पिता और भाई सहित 35 लोगों की गवाही हुई थी. अभियुक्तों पर 376, 376डी, 302, 3(2) बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था.
जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार का कहना है कि मामले में कुल 5 आराेपी थे. इनमें से 3 की रिहाई हुई है. संदीप को आजीवन कारावास की सजा मिली है. 3 दोष मुक्त हो चुके हैं. इनकी रिहाई आज सुबह कर दी गई. कल इनकी रिहाई नहीं हाे सकी थी, क्याेंकि उन्हाेंने खुद की सुरक्षा काे खतरा बताया था. इसे लेकर पत्र भी दिया था. उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए आज सुबह 8:00 बजे उनकी रिहाई की गई.
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