बागपत: हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा को लेकर अभी भी तनावपूर्ण स्थिति है. नूंह हिंसा की आग अब अन्य शहरों तक पहुंचने लगी है. वहीं हरियाणा की नूंह हिंसा में बागपत के पांची गांव के प्रदीप शर्मा की भी जान चली गई थी. प्रदीप की मौत की खबर की सूचना मिलते ही परिजनों की खुशियां गम में बदल गईं. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. बुधवार शाम को प्रदीप का शव हरियाणा के नूंह से पांची गांव पहुंचा. शव के गांव पहुंचते ही गांव में मातम छा गया. प्रदीप के घर पर गांव वालों की भीड़ जुट गई. इसके बाद कड़ी सुरक्षा में प्रदीप का अंतिम संस्कार किया गया.
दंगाइयों की बर्बरता के शिकार हुए बजरंग दल के पदाधिकारी प्रदीप शर्मा के बड़े भाई दीपक ने दंगाग्रस्त नूंह और गुरुग्राम की हालत को लेकर आपबीती बताते हुए कहा कि दंगाइयों ने मेरे भाई के हाथ में कलावा और गले में बजरंग दल का पहचान पत्र देखकर बर्बरतापूर्ण तरीके से मारा. पूरा क्षेत्र दंगाइयों के कब्जे में है. पुलिस भी वहां लाचार नजर आती है. उस क्षेत्र के हालात पाकिस्तान से भी बदतर हैं. वहां जो हालात हैं, उनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.
प्रदीप शर्मा के शव के गांव में पहुंचने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता और ग्रामीण प्रदीप के पैतृक आवास पर जुट गए. किसी भी सम्भावित अप्रिय घटना की रोकने के लिए भारी पुलिस बल गांव में तैनात कर दिया गया था. पुलिस की मौजूदगी में बुधवार देर शाम प्रदीप का अंतिम संस्कार किया गया.
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