चंडीगढ़: मध्य प्रदेश में जिस तरह के चुनावी नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए हैं. उसके बाद लगातार मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई लाडली बहना योजना को इसके लिए श्रेय दिया जा रहा है. इसके बाद लगातार अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि क्या बीजेपी, हरियाणा में इस आधी आबादी को पक्ष में करने के लिए कोई योजना भविष्य में लेकर आएगी. वर्तमान में जो योजनाएं महिलाओं के लिए बीजेपी सरकार चला रही है, क्या उससे भाजपा को इस आधी आबादी को अपने पक्ष में करने में मदद मिलेगी ?
हरियाणा में क्या है महिला मतदाताओं का रोल?: हरियाणा में मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महिलाओं की अहम भूमिका रहने वाली है. हरियाणा में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले आधी है. 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त हरियाणा में करीब 1 लाख, 57 हजार मतदाता थे. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या करीब 85 लाख से ज्यादा थी. वहीं, इसके मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या 72 लाख के करीब थी. यानी कुल मतदाता में से करीब 47 फीसदी महिला मतदाता हरियाणा में थीं. वहीं, सबसे ज्यादा महिला मतदाता वाले जिले गुरुग्राम, अंबाला, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत हैं.
हरियाणा में महिलाओं पर फोकस, कौन सी हैं वर्तमान में बड़ी योजनाएं?: हरियाणा में मध्य प्रदेश की तरह कोई लाडली बहन योजना नहीं है. कई अन्य योजनाएं महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार चला रही है. अंतोदय परिवारों की छात्राओं को कॉलेज तक मुफ्त शिक्षा देने की सरकार ने घोषणा की है. जिसमें 1 लाख 80 हजार तक के आय वाले परिवार की बेटियों को कॉलेज तक सरकार मुफ्त शिक्षा देगी. गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत मदद दी जाती है. महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप को पांच लाख तक ब्याज मुक्त कर्ज और पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए पचास फीसदी आरक्षण हरियाणा में दिया जाता है.
महिलाओं को लेकर योजनाओं पर क्या कहते हैं सीएम के मीडिया सचिव?: महिला मतदाताओं से मध्य प्रदेश और राजस्थान में मिले समर्थन के बाद क्या हरियाणा में महिलाओं को फोकस करते हुए सरकार कोई नई योजना लेकर आएगी? इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे कहते हैं कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बीते 9 सालों से हर वर्ग को सशक्त करने के लिए काम कर रहे हैं. सभी के उत्थान के लिए योजनाएं लेकर आ रहे हैं. महिला यानी मातृशक्ति की बात की जाए तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2014 में सत्ता संभालते ही बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान शुरू किया था.
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जीत की एक हैट्रिक तीन राज्यों के चुनावों में लगी है, एक हैट्रिक प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी अगले वर्ष मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में लगाएंगे और उसके चार महीने बाद एक और हैट्रिक प्रदेश की जनता के आशीर्वाद से हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी लगेगी। pic.twitter.com/3qtdg7qGLx
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बीजेपी का प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा: मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे कहते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मातृशक्ति को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से मजबूत किया है. स्वाभाविक है कि इसका नतीजा 2024 में सामने आएगा. हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनेगी. जहां तक बात नई योजना शुरू करने की है तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार काम करने वाले व्यक्ति हैं .9 साल हो गए हैं और अभी 1 साल बचा है. भविष्य में जिस-जिस क्षेत्र में योजना शुरू करने की आवश्यकता पड़ेगी, उस पर काम किया जाएगा. बेटियों पर फोकस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीएम मनोहर लाल ने जींद में एक कार्यक्रम में कहा था कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में हरियाणा को सफलता मिली. पहले हरियाणा की बेटियों को मारने वाला प्रदेश माना जाता था. आज बेटियों को बचाने वाला प्रदेश बन गया है. वो आगे कहते हैं कि पहले हजार बेटों पर 871 बेटियों की संख्या थी. अब हजार बेटों पर 932 बेटियों की संख्या हो गई है.
आम आदमी पार्टी भी इस मामले में सरकार से कर रही मांग: हरियाणा आम आगदमी पार्टी अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने बीजेपी को चुनाव जीतने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि बीजेपी को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जीत के लिए बधाई देता हूं. वे कहते हैं कि बीजेपी ने जो घोषणाएं इन राज्यों में की, उनको हरियाणा में भी लागू करे. 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया था, हरियाणा को भी दे. उन्होंने कहा कि लाडली बहना योजना के तहत मकान, मेधावी छात्र-छात्राओं को स्कूटी दें.
महिलाओं को लेकर योजनाओं पर क्या कहती है कांग्रेस?: कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना का चुनाव पर असर हुआ है. यह कहना गलत है. वे कहते हैं कि बीजेपी सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. इसका उदाहरण देते हुए वे कहते हैं कि बृजभूषण शरण के खिलाफ सरकार का कार्रवाई न करना है. जिनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हमारी बेटियां जंतर- मंतर पर बैठी थी. जूनियर महिला कोच के साथ यौन शोषण करने वाले संदीप सिंह के खिलाफ इस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
हरियाणा में 500 में गैस सिलेंडर देने के वादा: केवल ढींगरा के अनुसार राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार थी और वह सरकारें महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चला रही थी. जिसमें ₹500 में महिलाओं को गैस सिलेंडर भी दिया जाता था. इसलिए हरियाणा में भी जब हमारी सरकार बनेगी तो गृहणियों को ₹500 में गैस का सिलेंडर उपलब्ध करवाने का हमने वादा किया है.
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: सरकार की योजनाओं के संबंध में बात करते हुए राजनीतिक मामलों की जानकारी प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं 'योजनाएं तो राजस्थान में भी आई, लेकिन उसका अशोक गहलोत को कोई फायदा नहीं हुआ. छत्तीसगढ़ में भी वहां की सरकार की स्कीमों की बात हो रही थी, एग्जिट पोल कांग्रेस को आगे दिखा रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मैं यह नहीं कहता कि योजनाओं का लाभ नहीं मिलता या उसका फायदा पार्टी को नहीं होता. लेकिन, हमारे देश में किसी एक स्कीम के दम पर या फिर विकास की किसी मुद्दे पर चुनाव कम जीते जाते हैं. हमारे देश में भावुकता वाले मुद्दे पर चुनाव जीते जाते हैं.'
चुनाव जीतने में कई फैक्टर महत्वपूर्ण: प्रोफेसर गुरमीत सिंह के अनुसार राम मंदिर बन रहा है और राजस्थान में भी बीजेपी की नेताओं ने इसको भुनाया है. उन्होंने कहा कि सरकारें कई तरह की योजनाएं लाती हैं और उसका प्रचार प्रसार भी करती हैं. अगर स्कीम से चुनाव जीते जाते तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ की भी कुछ स्कीमों की बड़ी चर्चा हो रही थी.यह एक चुनावी फैक्टर हो सकता है. हरियाणा में तो लोगों की एप्रोच ही अलग है, यहां तो लोग कहते हैं कि मरोड़ निकाल देंगे. यहां तो पब्लिक कई बार उल्टा भी चलती है. वे कहते हैं कि आज स्कीम के दम पर चुनाव नहीं जीते जाते ओवरऑल माहौल बनता है.
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